लौटते मानसून में झूम के बरसे मेघ, पिछले 48 घंटे में 65 एमएम बारिश, किसान हुए बेहाल

September 25, 2020 2:50 PM0 commentsViews: 492
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— महाराजगंज की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर, सिद्धार्थनगर में कूड़ा, बूढ़ी राप्ती बानगंगा भी बढ़ाव पर

शिव श्रीवास्तव

महाराजगंज/सिद्धार्थनगर। मानसून सत्र की विदाई का समय अब निकट है।ऐसे में जाते -जाते  जिले में मेघ झूम कर बरस रहे हैं। स्थिति यह है कि पिछले 48 घंटे में 65 एमएम बारिश जिले में रिकार्ड की गई है। इसका असर  है कि जिले में बाढ़ की नौबत आ गई है। कई नदियां उफान पर है। भारी बारिश से धान की पछेती फसलों को जहां फायदा पहुंचा है, वहीं अगेती फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।

सिंचाई विभाग के रिकार्ड के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 45 एमएम बारिश हुई है। इसके ठीक पहले चौबीस घंटे में 20 एमएम बारिश हुई थी। इससे महाराजगंज कीप्यास, चंदन, महाव का जलस्तर लाल निशान के पार, राप्ती, रोहिन व गंडक सहित हसद्धार्थनगर की कूड़ा, राप्ती, बानगंगा, बूढ़ीराप्ती आदि नदियां भी उफान पर हैं।
नेपाल के पहाड़़ों पर लगातार बारिश से दोनों जिले से गुजरी नेपाल से आने वाली नदियां भी उफनाने लगी हैं। सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम के मुताबिक प्यास, चंदन व महाव लाल निशान के उपर बह रही हैं। राप्ती, रोहिन व गंडक नदी भी उफान पर है। इसके जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।

प्यास नदी का खतरे का तल 102.25 मीटर है। पिछले चौबीस घंटे में बारिश से यह डैंजर लेबिल से 25 एमएम उपर बह रही है। चंदन नदी का खतरे का तल 101.5 मीटर है। खतरे के निशान से यह नदी 20 सेमी अधिक बह रही है। पहाड़ी नाला महाव खतरे के तल से तीन फीट पर बह रहा है। इसका डैंजर लेबिल पांच फीट है, लेकिन इसमें गुरुवार की सुबह आठ फीट पानी का स्तर था। बड़ी नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।

पनियरा क्षेत्र के भौराबारी में रोहिन नदी का खतरे का तल 79.00 मीटर है। यहां पर जलस्तर लाल निशान से महज 2.65 मीटर नीचे है। त्रिमुहानी घाट पर रोहिन का खतरे का तल 82.44 मीटर है। यहां पर नदी का जलस्तर 81.950 मीटर है। लाल निशान से यह महज 0.49 फीट ही नीचे है।

उस्का बाजाऱ- धानी क्षेत्र के रिगौली बांध पर राप्ती का खतरे का तल 80.30 मीटर है। यहां पर राप्ती नदी 78.380 मीटर पर बह रही है। यह लाल निशान से महज 1.92 मीटर ही जलस्तर नीचे है। गंडक नदी में खतरे का निशान 3 लाख 80 हजार 400 क्यूसेक है। गुरुवार की सुबह बाल्मिकिनगर बैराज से इसमें 3 लाख 60 हजार 200 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ। यह खतरे के निशान से महज 20 हजार 200 क्यूसेक ही कम है।

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