50 हजार वित्तविहीन व मदरसा शिक्षक की हालत दयनीय, सरकार करे फौरन मदद – रवि शुक्ल

April 24, 2020 12:55 PM0 commentsViews: 385
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निज़ाम अंसारी

शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लागू हुए लाकडाउन के कारण रोजगार के बंद होने के कारण अब भुखमरी का संकट छाने लगा है।प्रदेश में 83 फीसदी वित्तविहीन शिक्षक माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं एवम पचीस हजार मदरसा शिक्षक लाकडाउन के चलते विद्यालयों के बंद होने के कारण  शिक्षकों की स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है।

उक्त बातें माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के जिला मीडिया प्रभारी रवि शुक्ल ने एक प्रेस वार्ता में कहा।उन्होंने कहा कि पिछले माह से बंद विद्यालयों के चलते वित्तविहीन शिक्षकों की हालत दिहाड़ी मजदूरों से भी बदतर हो गयी है।विद्यालयों के बंद रहने के कारण वित्तविहीन शिक्षकों का समय धन के अभाव में बीत रहा है।जिसके कारण उनके ऊपर परिवार के भरण-पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है।

उन्होंने कहा कि एक ओर तो सरकार गरीबों,मजदूरों और वंचितों को हर प्रकार की सामान्य आवश्यकताओं की पूर्ति के दावे कर रही है,वहीं दूसरी ओर आर्थिक रुप से जूझती प्रबंध समिति और सरकार की उदासीनता के चलते वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक और कर्मचारी भुखमरी के कगार पर पहुंचते जा रहे हैं।

शिक्षक नेता ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री से वित्तविहीन शिक्षकों व कर्मचारियों को भी मुख्यधारा में शामिल करते हुए अतिशीघ्र उनके भरण-पोषण के लिए योजना बनाकर पांच हजार रुपये मासिक धनराशि की सहायता वित्तविहीन शिक्षकों व कर्मचारियों को देने की मांग किया है।

 

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