दो दिग्गज नेताओं व एक चर्चित प़त्रकार को हरा कर भाजपा ने पहली बार खिलाया कमल

March 22, 2024 2:37 PM0 commentsViews: 642
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नजीर मलिक

चित्र परिचय— वरिष्ठ पत्रकार सीमा मुस्तफा

सिद्धार्थनगर। जिले के सृजन के बाद यहां का दूसरा लोकसभा चुनाव बहुत रोचक और रामांचक रहा। इस चुनाव में कुछ ऐसी हवा चली की भाजपा के एक गैरराजनतिक  और सामान्य से लगने वाले उम्मीदवार ने आशा के विपरीत कांग्रेस और सपा के दो दिग्गज नेताओं को ही नही वरन उस समय देश की सर्वाधिक चर्चित पत्रकार को भी धूल चटा कर डुमरियागंज संसदीय सीट से पहली बार कमल खिला दिया। इसके बाद से अधिकांश चुनावों में भाजपा का विजय रथ आसानी से आगे बढ़ता रहा।ॽक्या

हुआ था 1991 के चुनाव में

सन 1991 के लोकसभा चुनावों में डुमरियागंज से कांग्रेस पार्टी ने उस समय कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री रह चुकीं मोहसिना किदवई को उम्मीदवार घोषित कर दिया। उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के थिंक टैंक कहे जाने वाले तत्कालीन सांसद बृजभूषण तिवारी से होना तय था। लोग चुनाव को रोचक मान कर चल रहे थे। इसी बीच उस समय की देश की चर्चित पत्रकार सीमा मुस्तफा भी यहीं से चुनाव लड़ने आ गईं। उस समय के इरान ईराक युद्ध में मौके पर जाकर रिपर्टिंग करने वाली भारतीय पत्रकार के रुप में सीमा मुस्तफा पूरे देश में चर्चित हो चुकीं थीं। वह कांग्रेस यू की उम्मीदार थीं।

हाट सीट का चुनाव परिणाम क्या रहा

इन तीन उम्मीदवारों के कारण डुमरियागंज सीट हाट सीट बनने जा रही थी। लेकिन उस समय की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के पास इन तीनों को अक्कर देने वाला कोई बराबर  का उम्मीदवार नहीं था। भाजपा ने  पूरी तरह से एक गैर राजनीतिक आदमी और रिटायर्ड इंजीनियर रामपाल सिंह को मैदान में उतरा था। वे न भाषण देना जानते थे, न ही जनता उनका चेहरा ही पहचानती थी।  चुनाव प्रचार शुरू हुआ तो तो धीरे धीरे हालात बदलने लगे।

उस समय इस इलाके में राम मंदिर आंदोलन शिखर पर था। अचानक हर जवान, किसान भाजपा का कर्यकर्ता नजर आने लगा। और मतदान हुआ तो तस्वीर बदल चुकी थी। काउंटिंग में तीनों दिग्गजों का पराभव हो चुका था। इस चुनाव में रामपाल सिहं 197748 मत पाकर चुनाव जीत गये। कांग्रेस की मोहसिना किदवई 139631 पाकर दूसरे नम्बर पर रहीं। तत्कालीन सांसद रहे बृजभूषण तिवारी 51176 और सीमा मुस्तफा 49553 वोट पाकर न केवल तीसरे व चौथे स्थन पर रहे बल्कि अपनी जमानतें भी गवां बैठे।

क्या मोहसिना को हराने आई थीं सीमा?

इस चुनाव में पत्रकार सीमा मुस्तफा ने अकल्पनीय चुनावी संसाधन झोंका था। बड़े बूढ़े लोग कहते थे कि इतना धन अब तक किसी चुनाव में खर्च करते नहीं देखा गया।बाद में एक खबर यह आई की सीमा मुस्तफा कांग्रेस नेता मोहसिना किदवई से किसी पुरानी खुन्नस का बदला लेने आई थीं। इस बारें में मोहसिना किदवई इशारों इशारों में संकेत भी देतीं थीं। बहरहाल इस चुनाव के बाद  कांग्रेस यहां काफी जर्जर हुयी और 2009 को छोड़ कर दुबारा कभी नहीं जीत पाई।

 

 

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