पूर्व सांसद मुकीम के फैसले के बाद साफ होगी इटवा की सियासी तस्वीर

January 29, 2022 1:56 PM0 commentsViews: 3719
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बुधवार की मीटिंग के बाद तय होगा कि मुहम्मद मुकीम कांग्रेसी हाथ का साथ छोड़ेगे या साइकिल की सवारी करेंगे

बसपा सुप्रीमों मायावती भी उन्हें सांसद का चुनाव लड़ाने के लिए दे सकती हैं आफर, इसके लिए गतिविधियां तेज

लम्बी रणनीति के तहत कांग्रेस आला कमान कांग्रेस के नये प्रत्याशी अरशद खुर्शीद का टिकट नहीं बदलेगा

नजीर मलिक


सिद्धार्थनगर। कांग्रेस ने जिले में अपने सबसे बड़े सिपाही व पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम को इटवा सीट के टिकट से वंचित कर दिया। और तो और टिकट भी उनके सबसे बड़े विरोधी अरशद खुर्शीद को दे दिया। अरशद पिछला चुनाव बसपा से लड़कर बहुत कम वोटों से हारे थे। तब मुहम्मद मुकीम ने उनका जबरदस्त तरीके से विरोध किया था। जनता का मानना है कि यदि मुकीम साहब ने पूरी ताकत से विरोध न किया होता तो अरशद खुर्शीद जीत भी सकते थे।

क्या राहुल गांधी, मुकीम से मिलेंगे

उम्मीद के खिलाफ हुए इस फैसले से पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम बहुत आक्रोशित है। शुक्रवार को पूरे जिले में ऐसी चर्चाएं थीं कि वह अपने समर्थकों की बैठक के बाद प्रेस कान्फ्रेंस कर कांग्रेस को अलविदा भी बोल सकते हैं। मगर बैठक में तय हुआ कि राहुल गांधी से मिलने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। इस लिए उन्होंने राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है और चार दिन में कोई जवाब न मिलने पर अपने पत्ते न खोलने की बात कही है। वैसे जानकार बताते हैं कि इतने अहम फैसले से पहले बहुत सोचा समझा गया होगा। इसलिए माना जा रहा है कि राहुल उन्हें मिलने के लिए वक्त बिलकुल नहीं देगे। बहरहाल देखना है कि राहुल मिलते हैं या नहीं।

टिकट बदलने की उम्मीद नहीं

बहरहाल यदि कांग्रेस का टिकट बदला नहीं गया तो मुहम्मद मुकीम का अगला कदम क्या हो सकता है। इस सवाल को लेकर जिले में चर्चा छिड़ी हुई है। जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी अथवा प्रियंका गांधी अब अपने फैसले से कतई पलटने वाले नहीं हैं। दिल्ली में राहुल के करीब रहने वाले एक सलाहकार का कहना है कि कांग्रेस 10 साल बाद के चुनाव की रणनीति पर काम कर रही है। इसलिए वह बुजुर्ग नेताओं को एक एक कर टिकट काट कर उनके स्थन पर नये और युवा नेताओं को ला रही है। ताकि कांग्रेस को नये सिरे से मजबूत किया जा सके। इस चुनाव में वह जीतने की नहीं बलिक वोट बढ़ाने पर काम कर रही है।

क्या माता प्रसाद चाहेंगे मुकीम को

मान लीजिये यदि कांग्रेस ने इटवा से कांग्रेस का टिकट नहीं बदला तो पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम का अगला कदम क्या होगा? इस सवाल के जवाब में एक खबर यह भी निकल कर सामने आ रही है कि वह सपा में शामिल हो सकते हैं। क्योंकि यह इटवा के सपा प्रत्याशी माता प्रसाद पांडेय का आखिरी चुनाव होगा। उसके बाद वह सपा के सलाहकर बन कर रहेंगे। तब मुकीम यहां से टिकट के पक्के दावेदार होंगे। लेकिन जानकार कहते हें कि माता प्रसाद कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं। वह अपने बाद इस सीट से अपनी पुत्रवधू को लड़ाना चाहेंगे न कि महम्मद मुकीम को।

बसपा डाल रही डोरे

एक और बडी खबर है कि बसपा सुप्रीमो मायावती इस घटना के बाद मुकीम साहब पर पुनः डोरे डाल रही हैं। बसपा के एक भरोसेमंद सूत्र ने बताया कि मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी में रह कर वह सांसद बने। अगर वह फिर से बसपा में आते हैं तो उन्हें सांसद का चुनाव लड़ाया जा सकता है। इसके लिए बसपा के लोग जल्द ही पूर्व सांसद मुकीम से सम्पर्क भी करेंगे। ज्ञात रहे कि कि मुहम्मद मुकीम 2007 में बसपा से सांसद चुने गये थे। तथा उनके बेटे जावेद मुकीम को विधायक का टिकट दिया गया था, मगर वह 2200 वोट से हार गये थे।

तो क्या होगा मुकीम का भविष्य

अब सवाल यह है कि यदि मुकीम कांग्रेस को छोड़ते हैं तो उनका राजनीतिक भविष्य कहां होगा। इस बारे में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि वे समाजवादी पार्टी में शामिल होते है तो उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है। पहली बात तो सपा के दिग्गज नेता माता प्रसाद पांडेय जी उनको टिकट दिलाने के बजाय अपने परिवार के लिए ही टिकट मांगेगे दूसरी यह कि उनके बगल की सीट डुमरियागंज सपा की पारम्परिक मुस्लिम सीट है। ऐसे में सपा अगल बगल की दोनों सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं देना चाहेगी। विश्लेषक मानते है कि मुकीम साहब अगर बसपा मे जाते हें तो कम से कम उनका सांसद का टिकट सुरक्षित है। सपा में जाने पर उन्हें निराशा मिल सकती है। अब वे क्या फैसला करेंगे उसी अनुसार इटवा चुनाव कि सियासी तस्वीर बने बिगड़ेगी।

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