नपा अध्यक्ष जमील सिद्दीकी सपा में वापस, समथर्कों में हौसला, विरोधी खेमे को झटका

April 14, 2016 6:43 PM0 commentsViews: 1232
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नजीर मलिक

JAMEEL

सिद्धार्थनगर। नगरपालिका अध्यक्ष और तेज तर्रार मुस्लिम नेता के रूप में छवि बना चुके मो. जमील सिद्दीकी को समाजवादी पार्टी में वापस ले लिया गया है। उन्हें पिछले 28 मार्च को सपा से निकालने की घोषणा की गई थी।

बताया जाता है कि पार्टी के जिला इकाई को प्रदेश नेतृत्व ने आज बजरिए फैक्स उन्हें पार्टी में वापस लेने की जानकारी दी। पार्टी के जिलाध्यक्ष अजय कुमार उर्फ चौधरी ने इसकी पुष्टि की है।

क्यों निकाले गये थे सिद्दीकी

जमील सिद्दीकी समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता की हैसियत पा चुके थे। उनकी बढ़ती सियासत से पार्टी में कई जन चिंतित थे। अचानक ब्लाक प्रमुख चुनाव के बाद उन पर पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी का आरोप लगा कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

कैसे हुई वापसी

सूत्रों का कहना था कि विधानसभा अघ्यक्ष माता प्रसाद पांडेय की सरपरस्ती ने उनकी वापसी कराई। हांलाकि जमील सिद्दीकी के निष्कासन की भूमिका तैयार करने में श्री पांडेय के अति करीबी और सपा जिलाध्यक्ष अजय उर्फ झिनकू चौधरी की भूमिका बताई जा रही थी।

जानकारों का कहना है कि अजय चौधरी की नाराजगी के बाद भी जमील सिददीकी ने विस अध्यक्ष माता प्राद पांडेय से मिल कर अपना पक्ष रखा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद श्री पांउेय ने उनकी वापसी को हरी झंडी दी। जाहिर है कि इससे विस अध्यक्ष की नजरों में अपनी साख बरकरार रखी है।

कहीं खुशी कहीं गम

इस खबर के बाद जमील सिद्दीकी के खेमे में हर्ष व्याप्प्त है लेकिन उनके समर्थक बड़े संतुलित ढंग से अपनी खुशी व्यक्त कर रहे हैं। दूसरी तरफ उनके विरोधी खेमे में उदासी छाई हुई है।

क्या बोले जिलाध्यक्ष और नपा अध्यक्ष

इस बारे में जिलाध्यक्ष अजय चौधरी ने बताया कि पार्टी का फैक्स यहां पहुंच चुका है। उन्हें चेतावनी के साथ पार्टी में लिया गया है। आगे वह पार्टी के लिए काम करेंगे।
दूसरी तरफ नगर पालिका अध्यक्ष पार्टी में वापस लिए जाने पर कहते हैं कि उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं। वह पहले भी पार्टी के प्रति वफादार थे। आगे भी रहेंगे।

सपा को मिलेगा लाभ

जहां तक इसके राजनीतिक उद्देश्य का सवाल है, जमील सिद्दीकी के पाटी में आने के बाद अल्पसंख्यकों में एक अच्छा संदेश जायेगा। कमाल युसुफ के पार्टी में आने के बाद जमील सिद्दीकी की वापसी ने अल्पसंख्यकों में सपा के प्रति रूझान निश्चय ही बढ़ेगा।

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