मुक्तिपथ का पुण्य बनाम पापः बड़े लोग बनायेंगे होटल, गरीब को ठेला भी नही लगाने देंगे
अजीत सिंह
गोरखपुर। मानव काया के अंतिम पड़ाव स्थल व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो चुके जनपद के बड़हलगंज टाउन में स्थित मुक्तिपथ एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गया है। ताजा मामला मुक्तिपथ पर ठेला खोमचा लगाने वालों के उजाड़े जाने का है। खबर है कि मुक्तिपथ की व्यवस्था टीम ने दर्जनों गरीबों को वहां ठेला लगाने से रोक रही है। गरीब परेशान है कि वह अब कहां जाए। बड़े शवदाह स्थल के रुप में विकसित इस स्थान पर आने वाली भीड़ ही गरीबों की रोजी का सहारा थी, लेकिन जिस मुक्तिपथ को पुण्य स्थल बनाया गया था, उसी स्थल पर अब गरीब की रोटी छीनने का पाप किया जा रहा है।
गुरूवार को मुक्तिपथ टोले पर निवास करने वाले लगभग दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने चिल्लूपार विधायक विनय शंकर तिवारी को कैंप कार्यालय पर पहुंचकर उपजिलाधिकारी के नाम पत्रक सौंपा और अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हम लोगों से मुक्तिपथ सेवा संस्थान दुकान लगाने के लिए तीन सौ रूपये मासिक किराया लेता है। जिसके बदले हम लोग ठेला खोमचा लगाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। जिसकी रसीद भी है, लेकिन अब संस्थान ने वहां से हम लोगों को हटा दिया है। जिससे हम लोगों के सामने भूखमरी की संकट पैदा हो गई है।
मामले को संज्ञान में लेते हुए विधायक ने उपजिलाधिकारी फोन पर वार्ता कर समस्या का समाधान करने की बात कही। विधायक ने कहा कि सरकारें लोककल्याणकारी कार्य करती हैं, मगर प्रदेश की भाजपा सरकार में रोजी-रोटी को ही छीना जा रहा है। बड़हलगंज का मुक्तिपथ शवदाह स्थल न होकर व्यवसायिक स्थल बनता जा रहा है। जोकि आने वाले भविष्य के लिए खतरनाक है।
विधायक विनयशंकर तिवारी ने आगे पत्रकारों से वार्ता के दौरान आरोप लगाया कि वर्तमान भाजपा सरकार व प्रशासन विपक्ष को कुचलने व चिल्लूपार के साथ भेदभाव कर रही है। सरकार के नाम पर कुछ व्यक्ति विशेष लोग मुक्तिपथ के पास नेशनल हाईवे की जमीन पर एक तरफ होटल काम्पलेक्स बनवाकर कब्जा कर रहे हैं और दूसरी तरफ ठेले खोमचे वालों को हटाया जा रहा है।
विधायक ने कहा कि गरीब उजड़े तो आंदोलन
विधायक तिवारी ने आगे कहा कि अगर चिल्लूपार में यह अनैतिक कार्य बंद नहीं हुआ और सरकार व प्रशासन द्वारा भेदभाव होता रहा तो एक जनआंदोलन खड़ा किया जायेगा। जिसकी जिसकी जिम्मेदारी स्वयं शासन-प्रशासन की होगी।
हटाया नहीं गया– पूर्व अध्यक्ष मुक्तिपथ
वहीं इस सम्बन्ध में मुक्तिपथ के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री राजेश त्रिपाठी ने इस प्रकरण में सक्षम न्यूज़ इंडिया से बात करते हुए कहा कि सभी आरोप पूरी तरह से निराधार है। दिन-प्रतिदिन ठेले-खोमचे वालों की संख्या बढ़ रही थी जिससे शवदाह के लिए आने वाले लोगों को अपनी गाड़ियां खड़ी करने में परेशानी होती थी। इस वजह से सिर्फ उन्हें वहां से हट कर ठेला-खोमचा इत्यादि लगाने को कहा गया था।