पूर्व चेयरमैन जमील सिद्दीकी ने उठाया नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग

October 27, 2018 5:10 PM0 commentsViews: 2780
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अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर। नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष और शोहरतगढ़ क्षे़त्र  के निवर्तमान प्रत्याशी मो. जमील सिद्दीकी ने सिद्धार्थनगर हेड क्र्वाटर के रेलवे स्टेशन नौगढ़ का नाम बदलने की सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा है कि जिला मुख्यालय गातम बुद्ध के युवावस्था के नाम सिद्धार्थ पर रखा गया है। ऐसे में रेलवे स्टेशन का नाम नौगढ़ ही बनाये रखने का कोई औचित्य नहीं है।

जमील सिद्दीकी ने कहा कि इस जिले का  एक  गौरवशाली  इतिहास  रहा  है।  भगवान गौतम बुद्ध की धरती कही जाती है। गौतम बुद्धशाक्य कोलीय गणराज के राजा शुद्धोधन शाक्य के पुत्र थे, जिनकी राजधानी कपिलवस्तु में थी। गौतम बुद्ध से जुड़ा होने केकारण बौद्ध धर्म के लिए ये एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, पूरी दुनिया से लोग यहाँ आते हैं। साथ ही साथ नेपाल से सटा हुआ एकसरहदी इलाक़ा होने की वजह से ये और भी महत्व रखता है।

जमील सिद्दीकी ने बताया कि इस जिले का मुख्यालय नौगढ़ है। इस जिले को सन 1988 में बस्ती जिले  से  काटकर  नया  ज़िला  बनाया  गया  और जिले  का  नाम  भी  राजकुमार सिद्धार्थ के नाम पर सिद्धार्थनगर रखा गया। नौगढ़ शहर  को  जिले  का  हेड क्वॉर्टर बनाया गया।

पहले पुलिस स्टेशन का नाम तेतरी बाजार था पर अब इसका नाम बदल कर थाना सिद्धार्थ नगर कर दिया गया। लेकिन रेलवेस्टेशन  का  नाम  आज  भी  नौगढ़ ही है। नौगढ़ के नाम से स्टेशन होने की वजह से यात्रियों खास तौर पे  पर्यटकों को बहुत सीअसुविधा का सामना करना पड़ता है। लोग सिद्धार्थनगर और नौगढ़ में कन्फ़्यूज़ हो जाते हैं। इसलिए जब जिले का नाम सिद्धार्थनगर  है तो यहां के रेलवे स्टेशन का नाम भी सिद्धार्थनगर के नाम से होना चाहिए क्योंकि सिद्धार्थनगर का सारा इतिहास ही गौतम बुद्ध से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा की इस  माँग  को  विगत  कई  वर्षों  से  स्थानीय  नागरिक  एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार उठाए जाते रहें  हैं,  सरकार  की  तरफ़ से आश्वासन भी मिला पर अभी तक इसे अमल में नहीं लाया गया।

पूर्व चेयरमैन जमील सिद्दीकी ने भारत सरकार से अनुरोध किया  है  कि  नौगढ़  रेलवे  स्टेशन का नाम बदल कर  सिद्धार्थनगर  के नाम से  किया जाए  ताकि  लोगों में नौगढ़ और सिद्धार्थनगर  में भ्रम न रहे,  और साथ ही  साथ  गौतम  बुद्ध  से जुड़ी हुई इस एतिहासिक धरोहर का सम्मान दिन प्रति दिन बढ़ता रहे।

 

 

 

 

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