तिलौरा कोट के सहारे नेपाल में चीनी प्रभाव बढ़ाने के प्रयास में चीन

April 13, 2023 2:03 PM0 commentsViews: 521
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नजीर मलिक

नेपाल के तिलौराकोट का निरीक्षण करते चीनी राजदूत

भारतीय सीमा से सटे नेपाली क्षेत्र में चीन अपनी दखल बढ़ा रहा है।जिले के खुनुवां बार्डर से छूने वाले नेपाल के कपिलवस्तु जिले के तिलौराकोट में मंगलवार को चीन के राजदूत चेन सांग ने दौरा किया। बताया जा रहा है कि चीनी राजदूत ने तिलौराकोट में उत्खनन व विकास पर चर्चा की।तिलौराकोट खुनुआ से 12 किमी दूर है। चीनी राजदूत का आना सीमावर्ती क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गया है।  इस टोटल घटना क्रम को चीन द्धारा नेपाल में भरत के बढ़ते प्रभाव को रोकने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

नेपाल के तिलौराकोट में बौद्ध स्थल है,  जहां पुरातात्विक साक्ष्य के लिए उत्खनन किया है। नेपाल इसे  गौतम बुद्ध के पिता की राजधानी कपिलवस्तु के रूप में प्रचारित करता है।जब कि जिले पिपरहवा में कपिलवस्तु के पुरातात्विक साक्ष्य मेल चुके हैं। उसे विश्व स्तर पर मान्यता भी मिल चुकी है। चीनी राजदूत के इस दौरे से माना जा रहा है कि  नेपाल में भरत के प्रभावशाली दखल को रोकने के लिए चीन की यह नई चाल है। उसके पहले भी सीमवर्ती क्षेत्र में चीनी संस्कृति को को बढ़ावा देने वाले स्कूल तक खेल चुका है। इससे पहले भारतीय सीमा से आठ किमी दूर नेपाल के तौलिहवा क्षेत्र में चीन के निवेश से विश्व की सबसे ऊंची 245 फीट की भगवान बुद्ध की प्रतिमा बनाने का भी अनुबंध भी किया था।

चीनी राजदूत चेन सांग ने प्राचीन बौद्ध स्थल तिलौराकोट का दौरा किया। तिलौराकोट राजा शुद्धोधन का महल बताया जाता है। लुंबिनी होते हुए प्राचीन कपिलवस्तु पहुंचने के बाद उन्होंने बुद्ध स्थान तिलौराकोट का भ्रमण किया। लुंबिनी विकास निधि के उपाध्यक्ष अवधेश कुमार त्रिपाठी ने एंबेसडर सांग को बुद्धस्थल की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, महत्व, ऐतिहासिक साक्ष्य और अन्य मुद्दों की जानकारी दी। उन्होंने तिलौराकोट दरबार क्षेत्र में चलकर तिलौराकोट में पूर्ण उत्खनन स्थल को देखा। राजदूत ने तिलौराकोट के मुख्य महल, वामलाई मंदिर, पश्चिमी और पूर्वी द्वार और पूर्ण उत्खनन क्षेत्र का दौरा किया। यात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि तिलौराकोट पैलेस को बेहतर ढंग से संरक्षित किया गया जा रहा है। दुनिया भर से चीनी तीर्थयात्री और आगंतुक विश्व शांति और समृद्धि के लिए यहां पूजा और प्रार्थना करने के लिए इस स्थान पर आते रहेंगे।

फिर आने की बात की

उन्होंने कहा कि इस पवित्र स्थान का दौरा किया तो बहुत गर्व हुआ। भविष्य में फिर से इस स्थान का दौरा करेंगे। चीन सरकार ने तिलौराकोट क्षेत्र के संरक्षण और विकास के लिए नेपाल सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की। एंबेसडर सांग ने कहा कि वह जल्द से जल्द तिलौराकोट को विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए यूनेस्को के साथ समन्वय स्थापित करेंगे।

 

 

 

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