भारत-नेपाल के बीच तनातनी बढ़ने के आसार, सीमा पर पांच सौ फौजी चौकियां कायम करेगा नेपाल

June 4, 2020 12:04 PM0 commentsViews: 589
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नजीर मलिक

नेपाल में सत्ता दल व उसके समर्थक दल इस मुद्दे को लेकर संसद से सड़क तक आंदोलित हैं । दस मई को काठमांडू में  मंत्रीमंडल की बैठक में ओली सरकार ने भारत पर 400 वर्ग किमी नेपाली भुभाग पर कब्जे का बड़ा आरोप लगाया। नेपाल के गृहमंत्री रामबहादुर थापा का कहना है कि भारत 1816 को हुई सुगौली संधि का लगातार उलंघन करता आ रहा है। गृहमंत्री ने मानसरोवर मार्ग के सरलीकरण के तहत नेपाली भूभाग को नया मुद्दा बताते हुए कहा कि हम भारत नेपाल सीमा विवाद का हल बातचीत के जरिए चाहते हैं

 वहीं नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञावली का कहना है कि मामला  संज्ञान में आने के बाद नेपाल ने सड़क निर्माण रोकने के लिए भारत को कई चिट्ठियां लिखी लेकिन भारत ने तवज्जो नहीं दिया.

नेपाली विदेश मंत्री ज्ञावली ने संसद को जानकारी दी कि दो नवंबर 2019 को भारत द्वारा जारी नक्शे में नेपाली क्षेत्र के लिंपियाधुरा, लिपुलेख तथा कालापानी को भारतीय क्षेत्र में होना बताया गया है। नेपाल ने भारत से वास्तविक नक्शा व अन्य दस्तावेज के जरिए सीमा विवाद के समाधान की पेशकश की थी, लेकिन इस संबंध में भारत ने कोई रुचि नहीं दिखाई। कालापानी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में 35 वर्ग किलोमीटर का भूभाग है।

कालापानी ही ऐतिहासिक काली नदी का उद्गम स्थल है.1816 में अंग्रेज शासक और नेपाल के बीच सुगौली संधि में काली नदी को पश्चिमी सीमा पर भारत और नेपाल के बीच का हिस्सा दर्शाया गया था। 1962 में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध के समय भी भारतीय सेना की कालापानी में चौकी थी। यहां आज भी इंडो तिब्बत सीमा पुलिस के जवान तैनात हैं।  नेपाल का आरोप है कि कालापानी में भारत की मौजूदगी सुगौली संधि का उल्लंघन है।

इस सब घटनाओं के बीच नेपाल सीमा पर तैनात भारतीय सुरक्षा चौकियां सक्रिय हो गई हैं, तो वहीं नेपाल ने भी सीमा पर तैनात 530 भारतीय सुरक्षा चौकियों के सापेक्ष अपनी 121 सुरक्षा चौकियों का विस्तार कर 500 तक करने का फैसला किया है। गृहमंत्रालय ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। नेपाल गृह मंत्रालय का कहना है कि चूंकि नेपाल सीमा के भारतीय क्षेत्र में भारत की 530 सुरक्षा चौकियां है इसलिए नेपाल भी उसी अनुपात में सुरक्षा चौकियों के स्थापना की तैयारी कर रहा है। नेपाल की अपनी सीमा पर अभी एक सुरक्षा चौकी प्रति15 किमी की औसत दूरी पर है। नये प्रस्ताव के अनुसार एक पुलिस चौकी प्रति 3.5 किमी की दूरी पर होगी। गृहमंत्री ने कहा कि एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्वतंत्र नेपाल के लिए सीमा प्रबंधन एक आवश्यक शर्त है.

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