पूज्य नर्मदा व सोन नदी के प्रेम वेदना को सजीव देख कलाभवन में गूंज उठीं सिसकियां
— नवोन्मेष नाट्य उत्सव
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। नवोन्मेष नाट्य उत्सव श्रंखला के दूसरे दिन मध्य प्रदेश से आये रंग कर्मियों ने अपने रंगकला के माध्यम से “लव स्टोरी नहीं है” नामक नाटक के जरिये समाजके हर उन पहलुओं पर व्यंग कसा जो एक स्वस्थ समाज के निर्माण में बाधक बनती जा रही है। यह नाटक परस्पर दो प्रेम कहानी का अद्भुत संगम था।
नवोन्मेष के अध्यक्ष विजित सिंह द्वारा आयोजित नाट्य उत्सव के मंचन में एक तरफ पूर्व काल खंड में घटित हमारे देश की दो पवित्र नदियों नर्वदा और सोन की प्रेम गाथा थी। जिनकी विरह वेदना में लोक कल्याण निहित था। तो दूसरी ओर वर्तमान काल खंड के दो जातियों के राजनेताओं के पुत्र व पुत्री की प्रेम कहानी थी।
जिसके कारण दो समुदायों के मध्य उतपन्न आक्रोश उनके राजनैतिक सफलता की कड़ी बनी।नाटक के माध्यम से वर्तमान परिदृश्य में गिरती हुई राजनीति पर प्रहार किया, जो दर्शकों कोविचार करने पर मजबूर कर दिया।कई सार्थक संवादों के बीच में लाहिया कला भवन में गूंजने वाली सिसकियां लाटक की चरम सफलता की गवाही दे रहीं थीं।
नाटक के निर्देशन प्रसन्न सोनी के उम्दा अभिनय और संगीत ने नाटक को बेहतरीन माहौल में पिरो दिया। जनपद की तरफ से मध्य प्रदेश के रंग कर्मियों के उत्साहवर्धन हेतु मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू, पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर की उपस्थिति के अलावा लाहिया कला भवन में अपार दर्शक की भीड़ रही और घंटो तालियों की गड़गड़ाहट बजती रही।