दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों का जमीर झकझोर गये बाबू सिंह कुशवाहा और बैरिस्टर ओवैसी

February 26, 2022 1:23 PM0 commentsViews: 512
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असदुद्दीन औवैसी का सवाल- आजम खां, बाबू सिंह कुशवाहा जैसे नेता जेल में और माया अखिलेश मौज कर रहे, क्यों?  

दोनों नेताओं की सरफराज अंसारी के पक्ष में वोट देने की अपील, कहा कि अपनी लीडरशिप बनाने के अलावा कोई चारा नहीं

 

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर।  शोहरतगढ़ विधानसभा सीट पर भागीदारी परिवर्तन मोर्चा के प्रत्याशी डा. सरफराज अंसारी के समर्थन में जनसभा करने आएं एआईएमआईएम अध्यक्ष बैरिस्टर असदुद्दीन औवैसी व जनाधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा ने कल अपने भाषणों में अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और दलितों की भावनाओं को जम कर उभरा और और उनकी दुखती रगों पर मरहम लगाते हुए उन्हें सरफराज अंसारी के पक्ष में लामबंद करने की भरपूर कोशिश की तथा कहा कि आज इन समाजों की तरक्की के लिए उनका एकजुट होना बेहद जरूरी है। उनकी बातें प्रभावशाली थीं जिससे सरफराज अंसारी को मजबूती मिलने के पूरे आसार बने हैं।

मुस्लिम व अति पिछड़ों को अपना नेता बनाना होगा

वीरेन्द्र स्टेडियम में आयोजित सभा में औवैसी ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने अल्पसंख्यकों और पिछड़ों की दुखती रग पर हाथ रखते हुए कहा कि आज मुस्लिम समाज के कद्दावर नेता आजम खान और अति पिछडा वर्ग के के बाबू सिंह कुशवाहा जैसे तमाम नेता जेले में रहते हैं। लेकिन जो मुसलमानों और अति पिछड़ों का वोट लेकर राजनीति चमकाते हें वे खामोश रहते हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि इन समाजों का कोई अपना नेता है। इस दिशा में आपकों सोचना पड़ेगा। उनके इस वक्तव्य पर लोग वाकई सोचने की मुद्रा में दिख रहेथे। (बता दें कि अब बाबू सिंह कुशवाहा जेल से बाहर है और वे औवैसी के साथ गठबंधन कर  चुनाव मैदान में हैं)

भागीदारी के आधार पर सत्ता में हिस्सेदारी मिले

औवैसी ने जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी के सिद्धांत को पेश करते हुए कहा कि अब मुसलमानों और अति पिछड़ों को अपनी एक जुटता दिखानी होगी और डा. सरफराज अंसारी को जिता कर इसकी शुरुआत करनी होगी। ऐसा नहीं हुआ तो आगे भी जाने कितने आजम खान और बाबू कुशवाहा जेल जाते रहेंगे और हम आप कुछ नहीं कर पायेंगे। ओवैसी की यह एक ऐसी चोट थी जो इन समाजों के रक्त की चाप  बढ़ाने में कामयाब रही। उन्होंने कहा कि जब आपका नेता बन जाएगा तो लोग आपकी मदद से सत्ता में आयेंगे तब आपके साथ कोई भी अत्याचार, अन्याय करने की हिम्मत न कर सकेगा। उन्होंने कहा कि आप सबको डा. साफराज अंसारी के पक्ष में वोट करने का मन बनाना होगा।

थाना कचहरियों तथा सरकार में खास वर्ग का दबदबा रहता है

दूसरी तरफ अपने भाषण में बाबू सिंह कुशवाहा भी इन समाजों का जमीर झकझोरने में सफल रहे। उन्होंने भी सवाल उठाया कि आज सपा, बसपा या भाजपा की सरकार बनती है तो थानों कचहरियों और यहां क कि सरकार में भी उन्हीं की जमात के लोग मलाईदार पदों पर बैठते हैं और हम लोगों के हाथ कुद खास नहीं लगता। इसलिए अब हमें अपनी लीडरशिप की जरूरत है ताकि हमें और कमजोर समाजों के अन्य वर्गो के लोगों को उनका असली हक मिल सके। उन्होंने कहा कि अब कुछ खास लोगों के दबदबे को तोड़ने के अलावा हमारे पास आगे बढ़ने का कोई चारा नहीं है। उन्होंने अति पिदड़ों से सरफराज अंसारी के पा में मतदान की अपील भी की।

सरफराज अंसरी की मजबूती की कामयाब कोशिश

कुल मिला कर कल की सभा में दोनों दिग्गज नेताओं ने इनसमाजों की दुखती रगों पर ळाथ रख कर उनके दर्द को सलीके से उकेरा और डनहें अपना नेता पैदा करने की सलाह दी। उनके भाषणों पर जम कर तालिया बजीं जो इस बात का संकेत दे रही थीं कि वे अपने प्रत्याशी सरफराज अंसारी की पोजीशन मजबूत करने में यकीनन कामयाब रहे।

इस अवसर पर जनाधिकार पार्टी के जिलाध्यक्ष जगरनाथ मौर्य, हाजी सिराजुद्दीन, इं. एजाज खान, इजहार हुसैन, नवाब खान, अल्ताफ हुसैन, विभा शुक्ला, दुर्गावती, वकील खान आदि उपस्थित रहे। सभा के बाद लौट रहे लोग दोनों नेताओं के वक्तव्यों पर जिस प्रकार विमर्श करते दिखे उससे लगा कि वह एक नये जज्बे के साथ वापस लोट रहे हें।

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