पीढ़ा संस्कृति और प्रकृति के संरक्षण मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है- श्रीप्रकाश
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। विवाह एवं मांगलिक कार्यक्रम में उपयोग होने वाला पीढ़ा का वितरण कपिया में मंगलवार को समारोह पूर्वक हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश ने कहा कि पीढ़ा का वर्णन सनातन धर्म की उत्पत्ति के साथ ही है। पीढ़ा हिंदू धर्म में मांगलिक कार्यों के लिए आवश्यक है, यह संस्कृति और प्रकृति के संरक्षण में महती भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि पीढ़ा बनाने में आम के लकड़ी का प्रयोग होता है। आगे की पीढ़ियों को भी पीढ़ा आसानी से मिले इसलिए नए आम के पौधों को लगाये जाएं। कहा कि लोग संकल्प लें कि अपने मांगलिक कार्यों में प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग नही बल्कि कागज या पत्तल दोने का इस्तेमाल करेंगे। मांगलिक कार्यों में अनावश्यक खर्चे से बचते हुए अपनी संस्कृति और सभ्यता को जीवंत रखना चाहिए।
आयोजक भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष लालजी त्रिपाठी ने कहा कि वह अब तक 19 हजार पीढ़ा वितरण कर चुके हैं और आगे भी यह वितरण चलता रहेगा। इस दौरान रमेश मणि त्रिपाठी, पद्माकर शुक्ल, राधे बाबा, राधेश्याम यादव, मुन्ना लाल, गणेश प्रसाद, रामनारायण, हरीश, नबी रहम मौजूद रहे।