डुमरियागंज सीटः इरफान के वोटों से तय होगा डा. अयूब व पीस पार्टी का भविष्य

April 26, 2019 2:28 PM0 commentsViews: 2109
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज संसदीय सीट से पीस पार्टी के अध्यक्ष डा. अयूब द्धारा अचानक हटने और अपने बेटे इरफान अहमद को  प्रत्याशी बनाने का मैसेज जनता के बीच बहुत खराब गया है। जनता के बडे हलके में आम तौर से यह चर्चा आम है कि पीस अध्यक्ष के चुनाव हटने की वजह जनता द्धारा उनको पसंद न करना है। चर्चा इस बात की भी है कि अब पीस पार्टी का उठ पाना बहुत मुश्किल है।

बता दें कि पीस पार्टी ने डुमरियागंज से लाकसभा का चुनाव पहली बार 2009 में लड़ा थी और उसके प्रत्याशी जाबिर सेठ को 79820 वोट मिले थे। यह उत्साह जनक स्थिति थी। 2014 के चुनाव में इस सीट से पीस अध्यक्ष डा. अयूब खुद मैदान में उतरे। उनका वोट बढा और उन्हें 99242 वोट मिले। होना तो यह चाहिए था कि इस रिजल्ट के बाद पीस पार्टी इस क्षेत्र में जनसंघर्ष करती और अपने वोट बैंक के लिए लड़ती, लेकिन डा. अयूब ने हार के बाद डुमरियागंज में न कोई वैचारिक विमर्श किया, न जनहित में किसी संघर्ष का नेतृत्व किया। उलटे उनके मुठ्ठी भर कट्टर समर्थक सोशल मीडिया पर अपनी ही जमात पर तंज कसते रहे।

आखिरी वक्त में सच समझ गये डाक्टर साहब

2019 के चुनावों से पहले डा. अयूब डुमरियागंज की नब्ज टटोलने आये। डुमरियागंज के सम्मेलन में तमाम लोगों ने उन्हें जीत का भरोसा दिलाया, लेकिन धीरे धीरे उन्हें बात समझ में आने लगी। अभी 20  दिन पहले उन्होंने कपिलवस्तु विधानसभा क्षेत्र के मधुबेनियां में सभी की, मगर वहां लगी कुर्सियों पर क्षेत्र के 20 लोग भी नहीं बैठे। उनके साथ गाडियों में बैठ कर बाहर से लाये लोग ही थे। उस दिन उन्हें यहसास हुआ कि उनके दिन बहुत बुरे आने वाले हैं।

फिर इरफान को लडाने का लिया फैसला

डुमरियागंज सीट के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित सभाओं में जनता की नाम मात्र की उपस्थिति से डा. आयूब जैसे सियासतदान को आसानी से यह अंदाजा लग गया कि इस चुनाव में उनकी भद पिट कर रहेगी। लेकिन मैदान छोड़ कर भागना उनकी छवि को और खराब करती। इसलिए उन्होंने अपनी छवि बचाने के लिए अपने बेटे को सियासी सूली पर चढ़ाना उचित समझा। आगे के चुनावों में सौदेबाजी के लिए यह कदम बहुत जरूरी है। क्योंकि डा. साहब खुद चुनाव न लड़ने की बात कह कर अपने जनाधार का भ्रम बनाए रख सकते हैं।

इरफान की दुगर्ति होने की आशंका

फिलहाल आगामी चुनाव में डुमरियागंज में पीस पार्टी की बुरी आशंका होने जा रही है। पीस पार्टी को जो भी  वोट मिलेंगे, उसमें सबसे बड़ा हिस्सा डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र का होगा, इसमें भी अयूब साहब का कम, पीपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. मन्नान का होगा। वे यहीं के रहने हैं। उनके सम्बंधों में आने वाला एक बड़ा तबका पीपा के साथ खड़ा है।  उन्हीं की वजह से पीपा के कुछ वोट यहां बढ़ सकते हैं। वरना डुमरियागंज संसदीय सीट पर उनका 30 हजार वोट पार कर पाना मुश्किल होगा। इसलिए डा. अयूब को यह सोचना होगा कि आखिर लोग उनसे नाता क्यों तोड़ रहे हैं।

 

 

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