नेपाल बार्डर इलाकों में भी तेज किया जाएगा किसान आंदोलन, डुमरियागंज क्षेत्र ग की किसान पंचायत में एलान

February 24, 2021 2:08 PM0 commentsViews: 343
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मौलाना आज़ाद के पुण्यतिथि पर हिन्दू-मुस्लिम एकता के विचार को जन-जन तक पहुँचाना है- शाहरुख अहमद

अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज क्षेत्र के करौता, कुर्थीडीहा, कोनकटी और कई गाँव में पीपुल्स एलाइंस ने जिला पंचायत प्रत्याशी रामकेश प्रजापति के साथ किसान पंचायत लगाया। तीन कृषि काला कानून, एमएसपी पर कानून और पराली जलाए जाने पर दर्ज मुकदमा को वापस लिए जाने को लेकर बात की गई। किसान विरोधी कृषि कानून पर किसानों की जागरूकता के लिए जनज्वार के संपादक अजय प्रकाश जी की किताब “मोदीराज” के नाम की किताब भी किसानों को भेंट किया गया। 

किसान पंचायत में पीपुल्स एलाइंस के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य शाहरुख अहमद ने कहा कि अब तराई यानी नेपाल के सीमाई क्षेत्र से भी किसान आंदोलन को जाग्रत किया जाएगा। सभी किसानों ने आंदोलन को मजबूत करने को कहा और आने वाले दिनों में तराई क्षेत्र का किसान भी काले कानून के खिलाफ़ मजबूती से खड़ा होगा।

शाहरुख अहमद ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की पुण्यतिथि के मौके पर कहा कि इस नफ़रत के दौर में मोहब्बत के विचार जन-जन तक पहुंचाना है। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद  हिन्दू-मुस्लिम एकता के अलम्बरदार हैं। मौलाना आज़ाद का कहना था कि-

“आज अगर आसमान से फ़रिश्ता भी उतर आए और दिल्ली के क़ुतुब मीनार की चोटी पर से एलान करे कि हिन्दुस्तान अगर हिन्दू-मुस्लिम एकता का ख्याल छोड़ दे तो वह चौबीस घंटों में आज़ाद हो सकता है, तो हिन्दू-मुस्लिम एकता के बजाय देश की आज़ादी को मैं छोड़ दूंगा-क्योंकि अगर आज़ादी आने में देर लग भी जाए तो इससे सिर्फ़ भारत का ही नुक़सान होगा, लेकिन हिन्दू-मुसलमानों के बीच एकता अगर न रहे तो इससे दुनिया की सारी इन्सानियत का नुक़सान होगा।”

किसान पंचायत में आरिफ निज़ामी ने कहा कि कृषि कानून किसानो के लिए डेथ वारेंट है। मोदी सरकार किसानों को पूंजीपतियों का ग़ुलाम बनाना चाहती है। किसान पंचायत में पीपुल्स एलाइंस के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य शाहरुख अहमद, पीपुल्स एलाइंस के वार्ड नं 21 के जिला पंचायत प्रत्याशी रामकेश प्रजापति, आरिफ निज़ामी, मोहम्मद फ़ारूक़, अहमद चौधरी, राज कुमार प्रजापति, अभिमन्यु, सूरज पाल, सुरेंद्र, मो काशिम, इरशाद अहमद, मारूफ, इस्लाम, हफ़ीज़, हेशाम, मेराज, मकबूल अहमद, गफूर, गुलाम रब, वासिल्ल्लाह, सिराजूलहक, ज़ैनुलआब्दीन, नारायण आदि लोग शामिल रहे।

 

 

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