डुमरियागंज में बढ़ रहे संवेदनशील अपराध, पुलिस प्रशासन को जड़ पर करना होगा प्रहार

May 6, 2022 2:05 PM0 commentsViews: 998
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दो-दो स्थानों पर जानवरों का सिर पाया जाना जनमानस में बना बहस

मुबाहिसे का विषय, प्रशासन को तह मे जाकर करना होगा पर्दाफाश

 नजीर मलिक

तकियवा ताल के किनारे खड़े घटनास्थल का निरीक्षण करते एएसपी सुरेश कुमार रावत

सिद्धार्थनगर। नगरपंचायत डुमरियागंज के माली मैनहा क्षेत्र के बाहर रविवार को प्रतिबंधित जानवरों के तीन कटे सिर तथा एक सिर भारतभारी के पास तकिया ताल में मिलने की घटना के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। येसिर क्या जानवारों का कत्ल करने के बाद वहां पर डाले गये अथवा  उन्हें साजिशन वहां रखा गया, इस पर बहस मुबाहिसा जारी है। घटना चाहे जानवरों के मांस के उपयोग के चलते हुई हो अथवा किसी साजिश के तहत की गई हो, इससे क्षेत्र में  तमामकिस्म की चर्चाएं जन्म ले रही हैं। ऐसे मं डुमरियागंज क्षेत्र की संवेदनीलता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को सच्चाई की तला करना ही होगा।

खबर के मुताबिक कस्बे के माली मैनहा टोले के बाहर कूड़ा निस्तारण केन्द्र परिसर में गड्ढे में रविवार को तीन प्रतिबंधित पशुओंका सिर मिला। मामले की जानकारी मिलते ही डुमरियागंज और इटवा के सीओ केसाथ ही सर्किल के सभी थानों की फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। जिसके बाद पानी से अवशेषों को बाहर निकलवा कर पशु चिकित्सकों की टीम ने मांस के टुकड़ों को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए भेज दिया। इसके बाद  पुलिस  मामले की छानबीन में जुट गई।  अभी यह मामला चल ही रहा थाकि नगर पंचायत भारतभारी के पास तकियवा ताल में भी एक गोवंशी कासिर मिलने से मामला एक बार फिर गर्म हो गया।

बहरहाल दोनों ही घटनाओं में पुलिस ने तत्काल मौके पर पहूंच कर न केवल हालात को काबू में रखा वरन कार्रवाई का काम शुरू कर दिया। तकियवा ताल में पाये गये सिर के संदर्भ में अपर पुलिस अधीक्षक सुरेश चन्द्र रावत ने डाक्टरों के हवाले से बताया कि बरामद सिर चार पांच माह पहले का प्रतीत होता है।फिलहाल उसे परीक्षण के लिए भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट के बाद ही सही जानकारी प्रकाश में आ सकेगी। अब सवाल हैकि दोनों स्थानों पर चारसिर कहां से आये। क्या पशु वध स केलिएकिया गया था अथवा उसे वाद पैदा करने केलिए साजिशन फेंका गया। पलिस ने बतायाकि इस मामले मेंफिलहाल तीन आदमी पकड़े जा चुके हैं।

अब सवाल है कि आखिर चुनाव बाद से ही डुमरियागंज में लगातार तनाव पैदा करने वाली घटनाएं केवल संयोगवश हो रही हैं अथवा उसके पीछे कतिपय स्वार्थी त्तवों की समाज विरोधी मानसिकता है। उदाहण केलिए चुनाव में मतगणना के बाद डुमरियागंज में कथित आपत्तिजनक नारों को लेकरविवाद,  उसके बाद्राम तेतरी में दो पक्षों के बीच के विवाद को लेकर धर्मिक तनाव पैदा करने की कोशिश, हाल में मन्नी जोत चौराहा के निकट के गांव में सरकारी जमीन पर मंदिर-मस्जिदनिर्माण को लेकर दो पक्षों के बीच तनाव पैदा करने की घटनाएं क्षेत्र में केवल संयोग नहीं मानी जा रही हैं।

इस बारे में क्षेत्र के अनेक लोगें का मानना है कि 10 मार्च के बाद पूरे विधानसभा में इस प्रकार की संवेदनशील घटनाओं के पीछे राजनीतक शह पर भी हो सकती हैं। जो प्रायाः पूरे प्रदेश में अक्सर देखी ज सकती हैं। इसलिए पुलिस प्रशासन को इन घटनाओं को सामान्य अपराध न मान कर घटना की तह में जाकर पर्दे के पीछे से इसे शह देने वालों की शिनाख्त करना चाहिएताकि इस प्रकार के अपराध के जड़ पर कुठाराघात हो सके।

 

 

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