बिस्कोहर में खौफ का माहौल, लोग घरों से फरार, पुलिस गश्त जारी, माता पांडेय व एसपी ने ली बैठक

September 7, 2015 2:36 PM0 commentsViews: 666
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नजीर मलिक        8888888888888888888888888 “रविवार को विस्कोहर में प्रदर्शन करतें आंदोलनकारी”

“बिस्कोहर बाजार में रविवार को पुलिस और जनता के बीच हुई झड़प् व फायरिंग के बाद खौफ का माहौल अभी टूटा नहीं है। घरों से फरार नागरिक अभी लौटने का साहस नहीं दिखा पा रहे है। कस्बे में पुलिस की गश्त जारी है। हालात को सामान्य बनाने के लिए विधान सभाअध्यक्ष  व एसपी ने बिस्कोहर पुलिस चौकी में नागरिकों की बैठक भी ली है, मगर दहशत अभी कम नहीं हो पा रही है”

सोमवार सुबह भी बिस्कोहर कस्बे के हालात आसामान्य हैं। तकरीबन दस हजार की आबादी वाले इस टाउन में दुकानें रोजमर्रा की अपेक्षा कम खुली हैं। सडकों पर आवागमन लगभग नहीं के बराबर है। गलियों और सडकों पर पुलिस के चरमराते बूटों की आवाज जिधर गूंजती है, सन्नाटा कुछ और बढ़ जाता है। घरों के अंदर बैठे लोगों की आवाजें भी फुसफुसाहट से अधिक उंची नहीं हैं।

कस्बे में खौफ का कारण 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना है। दरअसल रविवार की घटना में पुलिस ने डेढ़ दर्जन ज्ञात और 250 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दोषियों के खिलाफ प्रशासन द्धारा रासुका लगाने की खबर से कस्बावासियों में दहशत है, कि कौन जाने किसे शिकंजे में ले लिया जाये। इसलिए खामोश रहना ही उचित है। इसी वजह से इस जीवंत कस्बे की जिंदगी ठहरी हुई है।

फिलहाल तो कसबे के सैकडों लोग अभी फरार हैं। वह प्रशासन का तेवर देख वापस लौटने की हिम्मत नहीं कर पा रहे है। पता चला है कि घटना के बाद फरार लोगों में एक राजनीतिक दल के लोग अधिक हैं। प्रदर्शन के दौरान इसी जमात के लोगों की हिस्सेदारी भी थी। उनका मानना है कि विपक्ष की पार्टी का समर्थक होने के कारण पुलिस उनका उत्पीड़न कर सकती है। इसलिए वह पुलिस के चंगुल से दूर रह कर बचाव के रास्ते तलाश रहे हैं।

एक फरार नागरिक ने फोन पर कपिलवस्तु पोस्ट को बताया कि कस्बे में राजनीति हो रही है। उन्होंने प्रशासन पर जातिवादी राजनीति का आरोप भी लगाया। यह और बात है कि रिपोर्टर के सवाल पर वह इसके पक्ष में कोई दलील नहीं दे सके। बिजली को लेकर रविवार को हुए प्रदर्शन में कौन दोषी है कौन निर्दोष, यह जांच का विषय है। प्रदर्शनकारी कहते है़ं कि लौटती भीड़़ पर थानाध्यक्ष त्रिलोकपुर ओपी चौबे ने पहले लाठी भांजी, जबकि प्रशासन का कहना है कि पहल प्रदर्शनकारियों की तरफ से हुर्इ्र।

दूसरी तरफ  एसपी अजय साहनी ने नागरिकों के साथ बैठक कर लोगों से षांति बहाली की बात कही है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि किसी निर्दोष का उत्पीडन नही होगा। उनके भराेसे का जनता में असर कितना होगा, यह शाम तक स्पष्ट हो सकेगा। जमात के लोगों की हिस्सेदारी भी थी। उनका मानना है कि विपक्ष की पार्टी का समर्थक होने के कारण पुलिस उनका उत्पीड़न कर सकती है। इसलिए वह पुलिस के चंगुल से दूर रह कर बचाव के रास्ते तलाश रहे हैं।

एक फरार नागरिक ने फोन पर कपिलवस्तु पोस्ट को बताया कि कस्बे में राजनीति हो रही है। उन्होंने प्रशासन पर जातिवादी राजनीति का आरोप भी लगाया। यह और बात है कि रिपोर्टर के सवाल पर वह इसके पक्ष में कोई दलील नहीं दे सके। बिजली को लेकर रविवार को हुए प्रदर्शन में कौन दोषी है कौन निर्दोष, यह जांच का विषय है। प्रदर्शनकारी कहते है़ं कि लौटती भीड़़ पर थानाध्यक्ष त्रिलोकपुर ओपी चौबे ने पहले लाठी भांजी, जबकि प्रशासन का कहना है कि पहल प्रदर्शनकारियों की तरफ से हुर्इ्र।

दूसरी तरफ डीएम डा सुरेंन्द्र कुमार और एसपी अजय साहनी ने नागरिकों के साथ बैठक कर लोगों से शांति बहाली की बात कही है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि किसी निर्दोष का उत्पीडन नही होगा। उनके भरासे का जनता में असर कितना होगा, यह शाम तक स्पष्ट हो सकेगा।

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