अखबार के हाकर को खरीद कर दी साइकिल, जाहिर है पुलिस वालोंं में इंसानियत बाकी है

April 2, 2017 4:54 PM0 commentsViews: 282
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संवाददाता

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“यूपी के मुरादाबाद में पुलिस का मानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है ।बात है मुरादाबाद पुलिस लाइन की , यहाँ पर ट्रेनिंग कर रहे रिक्रूट आरक्षी ने मानवता की एक मिसाल पेश की है। इसे देख कर माना जा सकता है कि खकी वर्दी में अभी भी मानवता बची हुई है।” 

दरअसल ओमप्रकाश नामक एक वृद्ध व्यक्ति पुलिस लाइन में अख़बार बेचने आते थे अक्सर वो रिक्शा या पैदल आते थे तथा बैरकों में घूम घूम कर रोज़ी रोटी की दुहाई देकर अख़बार बेचते थे तो रिक्रूट आरक्षियों के मन में कुछ बात आई और उन्होंने ओमप्रकाश से उनके परिवार की स्थिति जानी और पूछा की आप क्या कमा पाते होंगे सारी बचत तो आपकी रिक्शा वाला ले लेता होगा।

तो ओमप्रकाश ने बताया कि उसकी साइकिल कुछ दिन पहले चोरी हो गयी है और अब उसकी इतनी सामर्थ्य नही कि वो सायकिल खरीद सके , ओमप्रकाश की दयनीय हालत सुनकर रिक्रूट आरक्षियों का दिल पसीजा तो उन्होंने ओमप्रकाश की मदद करने की ठान ली। रात में ही कुछ रिक्रूट आरक्षियों ने आपस में पैसे इकट्ठे किये और एक नई सायकिल ले आये सुबह ओमप्रकाश को देने के लिए,  31-03 2017 की सुबह ओमप्रकाश के लिए ऐसी खुश खबरी लेकर उसे पता नहीं था।

सुबह जैसे ही ओमप्रकाश बैरक में घुसे रिक्रूट आरक्षियों ने उनके हाथ से अख़बार ले लिए और बोले ताऊ जी आज के बाद आप बैरिक में घूम घूम कर अख़बार नही बेचेंगे ,ये सुनकर ओमप्रकाश डर गए कही कोई गलती तो नही हो गयी मुझसे उन्होंने रोनी सूरत बना ली।

लेकिन जल्दी ही आरक्षियों ने ताऊ जी को आज के बाद आप जितने भी अख़बार लाओ सिर्फ एक जगह रख देना हर किसी के पास घूमने की जरूरत नहीं। हम सब वहीं से ले लेंगे और हम आपको 3 rs प्रति अख़बार नही 10 rs प्रति अख़बार देंगे। इतना कहकर रिक्रूट आरक्षी ने उनके अख़बार को खुद बेचना शुरू कर दिया किसी ने अख़बार 500 में लिया तो किसी ने 100 50 20 और 10 में।

ये सब देखकर ओमप्रकाश की आँखों ख़ुशी से छलक आयी और ये नम आँखे अश्रुधारा में तब बह चली जब आरक्षियों ने उन्हें उपहार स्वरूप सायकिल भेट की और कहा ताऊ जी आज से आप पैदल या रिक्शा से नहीं अपनी सायकिल से आओगे, और भविष्य में भी हर संभव मदद करने को बोलकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेकर विदा किया।

इस पल को रिक्रूट आरक्षियों ने अपने सेल्फी लेकर कैमरे में कैद किया , और ओमप्रकाश पुलिस का ये मानवीय चेहरा देखकर मन में अपार ख़ुशी और आँशु लेकर दुआएं देता हुआ सायकिल में पैडल मारकर चला गया। जाहिर है कि अभी पुलिस वालों में इंसानियत बाकी है।

 

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