जिन्हें कंधे पर बिठा कर बचपन में मेला दिखाया, उन्हीं पौत्रों ने दादा को बेरहमी से मार डाला

July 2, 2025 1:27 PM0 commentsViews: 274
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भतीजों ने पहले बू़ढ़े चाचा को लाठियों से पीटा, बुजुर्ग

दादा बीच में आये तो उनका बेरहमी से कर दिया कत्ल

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। मंगलवार को सायंकाल एक लोमहर्षक घटना घटी।  65 साल के राम करन यादव को उनके पौत्रों ने लाठियों से पीट कर मार डाला दादा की जान लेते समय दोनो पोत्रों को यह भी ख्याल नहीं आया कि यह उनके वही दादा थे, जो बचपन में उनको बचपन में कांधे पर बैठा कर कई किमी दूर मेला दिखाने ले जाते थे।

प्रकरण मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के ग्राम बनकटा पश्चिम गांव का है। इसी गांव में राम करन यादव का भरा पूरा परिवार रहता है। रहते सभी एक ही मकान में हैं, मगर 4 बेटों के चूल्हे अलग जलते हैं। राम करन भी अपनी पत्नी झिनका देवी के साथ अलग रहते थे। सब कुछ ठीक चल रहा था। अचानक मंगलवार की वह काली रात आ गई, जिसने 65 साल के बुजर्ग की जिंदगी को अपनी स्याह चादर में छुपा लिया।
रामकरन के बेटे वीरेन्द्र के मुताबिक हुआ यों था कि वह उस दिन शाम को घर के लिए सब्जी थोड़ा देर से लाया था। इसी बात पर उसकी अपनी पत्नी से नोकझोंक हो रही थी। यद्यपि भाइयों में बंटवारा था, मगर उस दिन अचानक न जाने क्या हुआ कि उसके भतीजे आकाश, विकास व दुर्गेश उस झागड़े में टांग अड़ा कर उसे पीटने लगे। यह देख जब पिता रामकरन यादव आकर बीच बचाव करने लगे तो तीनों पौत्रों ने उन्हें लाठियों से पीट़ पीट कर मरणासन्न कर दिया। उन्हें अति गंभीर हालत में मेडिकल कालेज लाया गया, जहां उनकी बेहोशी अंत तक बनी रही और उनकी मौत हो गई।

रामकरन की पत्नी झिनकी देवी रोते हुए बताती हैं कि उनके पति अपने तीनों पोतों से बहुत प्यार करते थे। बचपन में अंगुली पकड़ कर बाजार ले जाने से कंघों पर बिठा कर कई किमीं दूर तक मेला दिखाने ले जाते थे। लेकिन उन्हीं दादा की जान लेते समय उन हत्यारों को अपने दादा पर तनिक भी रहम न आया, कि वे जिसकी हत्या कर रहे हैं, वे कभी उन पोतों पर जान न्यौछावर करते थे।

इस बारे में थानाध्यक्ष श्यामनायण श्रीवास्तव ने बताया कि घटना में तीनों भाइयों आकाश, विकास व दुर्गेश को गिरफतार कर लाश को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया गया है।

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