हर साल करंट से एक दर्जन प्राइवेट लाइनमैनों की जाती है जान, बिजली विभाग खामोश

November 25, 2016 11:16 AM0 commentsViews: 484
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➡बिजली विभाग की लापरवाही के चलते औसतन हर माह मरता है एक बिजलीकर्मी

एम. आरिफ

 

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इटवा,सिद्धार्थनगर। पिछले मंगलवार को इटवा थाना क्षेत्र सेमरी में एक प्राइवेट लाइन मैन की मौत डबल पोल पर चढ़ कर बिजली सप्लाई ठीक करते समय हुई। उसके दूसरे दिन जोगिया फीडर पर तार ठीक करते समय एक लाइनमैन की करंट से मौत हो गई। दरअसल शटडाउन लेकर काम कर रहे बिजली कर्मियों की इस तरह की मौत आए दिन होती है और विभाग को इन गरीबों के मरने की चिंता कभी नहीं सताती है।

पिछले कुछ सालों में  जिले में शटडाउन के बावजूद भी कंरंट से मरने वालों की तादाद लगातार बढती जा रही है। इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी है और प्राइवेट लाइनमैन की जान जा चुकी है। भावपुर पिपरी निवासी कमाल अहमद उर्फ कल्लू प्राइवेट लाइनमैन की पिछले वर्ष 27 सितम्बर को विधुत लाइन की खराबी दूर करते समय अचानक  करंट आ जाने से मौत हो गई थी।
जबकि इसी प्रकार 17 अक्टूबर को करौंदा निवासी विनोद बेलवा चौराहे पर सौ केवी ट्रान्सफार्मर लगा रहा था। उसने शटडाउन भी लिया था। कार्य खत्म होने से पहले ही सप्लाई शुरू कर दिया गयी, जिससे उसे जान गंवानी पड़ गई।

इस तरह डुमरियागंज, शोहरतगढ़, बांसी, बढ़नी, नौगढ़ तहसीलों में आये दिन लाइन मैनों की मौत होती रहती है। सवाल है कि जब शटडाउन लिया जाता तो उस फीडर में बिजली सप्लाई कैसे आ जाती है, जिस पर संविदा का गरीब लाइनमैन काम कर रहा होता है। इस बारे में जानकार बताते हैं कि दरअसल संबधित पावर स्टेशनों में जिम्मेदार कर्मियों की लापरवाही के चलते ऐसा होता है।

जानकार बताते हैं कि बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही इस पूरे प्रकरण में दोषी हैं। जो स्थाई लाइनमैन विभाग में नियुक्त हैं, वह पोल पर चढ़ कर बिजली नहीं ठीक करते हैं, बल्कि अपने साथ कई-कई प्राइवेट लाइनमैन रखते हैं और यही प्राइवेट लाइनमैन लोगों की बिजली सप्लाई ठीक करने के नाम पर लोगों से पैसों की वसूली करते हैं। जिसमें से स्थाई लाइनमैन का बड़ा हिस्सा होता है।

इतना ही नहीं क्षेत्रीय अवर अभियंता भी अपने काम के लिए इन्हीं प्राइवेट लाइन मैनों के सहारे रहता है। अब तक जितने भी प्राइवेट लाइन मैनों की मौत हुई है, उन सब में एक ही वजह रही है, कि फोन से शट डाउन लेकर प्राइवेट लाइनमैन जब काम कर रहे होते हैं, उसी समय हाइडिल में बैठा कोई स्टाफ बिना कामकर रहे लाइनमैन से बात किये सप्लाई दे देता है। नतीजे में गरीब की जान चली जाती है।

इस  बारे मेंअधिशाषी अभियंता का कहना है कि हो सकता है कि कभी मानवीय चूक से ऐसा हुआ हो, लेकिन अक्सर प्राइवेट लाइनमैन बिना शटडाउन लिये ही काम करने लगते है, इस असावधानी से भी दुर्घटना हो जाती है।

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