हिन्दुस्तान के ब्यूरो चीफ़ इंद्रमणि पांडेय को हटाने की मांग
संजीव श्रीवास्तव
“सिद्धार्थनगर ज़िले में हिन्दुस्तान के ब्यूरोचीफ़ के ख़िलाफ़ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्हें हटाने की मांग की गई है। नाराज़ स्वास्थ्य कर्मियों का आरोप है कि उन्होंने हिन्दुस्तान अख़बार में बेबुनियाद ख़बर छापी है। इन कर्मचारियों के समर्थन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद और यूपी मेडिकल हेल्थ एसोसिएशन खुलकर आ गये हैं। गुस्साए कर्मियों ने शनिवार को सीएमओ ऑफिस बंद कराने का ऐलान कर दिया है। वहीं ब्यूरोचीफ़ इंद्रमणि ने भी दावा किया है कि उनके पास ख़बर को सच साबित करने का पुख्ता प्रमाण है। तथ्यों की जांच के बिना कोई ख़बर नहीं लिखी गई है। हाल ही में इंद्रमणि ने ‘रेवड़ी की तरह बांट दी गयी नौकरी’ शीर्षक से ख़बर प्रकाशित की थी।”
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष अनिल सिंह और यूपी मेडिकल हेल्थ एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष दीपेन्द्र मणि त्रिपाठी का दावा है कि नियुक्ति को लेकर खबर में पेश किए गए तथ्य पूरी तरह गलत हैं। नेताओं ने कहा कि ढाई साल पहले हुई नियुक्ति का अनुमोदन जिला स्वास्थ्य समिति ने किया था और मैन पावर उपलब्ध कराने का जिम्मा रामा इंफोटेक कंपनी को था। इसमें स्थानीय कर्मियों को बदनाम करना हिन्दुस्तान समाचार पत्र की सोची-समझी चाल है।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एनआरएचएम के तहत ब्लाकवार प्रोग्राम मैनेजर और डाटा ऑपरेटर की संविदा पर हुई नियुक्ति के कागज़ात दिखाए। ब्यूरोचीफ़ के ख़िलाफ नारेबाज़ी करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया कि इंद्रमणि ने समाचार छापने से पहले उनसे बात करना भी ज़रूरी नहीं समझा जोकि ज़िम्मेदार पत्रकारिता नहीं कही जा सकती। कर्मचारी संगठनों के जिलाध्यक्षों ने कहा कि अगर हिन्दुस्तान के जिला प्रभारी को तत्काल नहीं हटाया जाता तो ब्यूरोचीफ़ के संपादक से शिकायत की जाएगी।