माफ़िया अतीक विवाद: एसटीएफ ने नेपाल से कारोबारी क़यूम अंसारी को उठाया और फिर छोड़ दिया

March 20, 2023 1:00 PM0 commentsViews: 704
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क्या कयूम अंसारी और माफिया अतीक के बीच कोई रिश्ता है, या नामों को लेकर पैदा हुआ भ्रम

नज़ीर मलिक

मफिया से राजनीतिज्ञ बने इलाहाबाद के अतीक अहमद से सम्बंध होने के शक में नेपाल से उठाये गये कारोबारी कयूम अंसारी को फिलहाल छोड़ दिया गया है। उसे दो दिन पहले उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने नेपाल के चन्द्रौटा शहर से उठाया था। कयूम पर शक था कि उसके अतीक अहमद से सम्बंध गहरे हैं और वह अतीक के शूटरों को नेपाल में शरण देता था।  इस तरह की अटकलें भी लग रही हैं कि हाल ही में प्रयागराज (इलाहाबाद) में उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटरों को नेपाल में पनाह कयूम की मदद से दी गई थी। वहीं हिरासत में लिए जाने के दूसरे ही दिन कयूम को छोड़ देने से कई तरह के सवाल जन्म ले रहे हैं।

प्रयागराज जनपद में माफिया अतीक अहमद के खिलाफ गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि हत्याकांड में अतीक अहमद के परिवार और उसके सहयोगी शामिल हैं. इसके बाद पुलिस और एसटीएफ की टीम लगातार उन लोगों की धरपकड़ में लगी है। इसी बीच बृहस्पतिवार को नेपाल के सीमाई ज़िले कपिलवस्तु के चंद्ररौटा से एक कारोबारी कयूम अंसारी को उठाया गया। नेपाली कस्बे कृष्णनगर और चन्द्रौटा के लोगों का कहना है कि एसटीएफ के चार लोग आए थे और कारोबारी को एक गाड़ी में लेकर चले गए। इसका स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया था। इसके साथ नेपाली सोशल मीडिया ने यूपी एसटीएफ पर कारोबारी को अगवा कर लेने का खबर भी चलायी थी।

नेपाल से मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए कारोबारी कयूम अंसारी को दूसरे दिन शुक्रवार को एसटीएफ ने परिवार को सुपुर्द कर दिया। हो सकता है एसटीएफ को किसी दूसरे कयूम अंसारी की तलाश रही हो और दूसरे को उठा लिया। लेकिन दूसरा कयूम अंसारी कौन यह बड़ा सवाल है। क्या पकड़े गए कयूम अंसारी से माफिया अतीक अहमद से संबंध हैं। इसको लेकर लोगों में चर्चा है। क्योंकि जिस कयूम अंसारी को पकड़ा गया था, नेपाल में उसकी जबरदस्त राजनैतिक पकड़ है। सूत्रों के मुताबिक मौजूदा सरकार में उसके कई बड़े नेताओं से संपर्क हैं। हालांकि घर लौटने के बाद कारोबारी ने नेपाल मीडिया और आम लोगों से इस मसले से पर बोलने से मना कर दिया है।

पुलिस विभाग के जानकारों की माने तो यूपी एसटीएफ किसी व्यक्ति पर तभी हाथ डालती है। जब उसके पास प्रर्याप्त साक्ष्य होता है। उसकी गतिविधियों से पूरी तरह से वाकिफ होते हैं। इसके बाद ही वह किसी संदिग्ध को उठाती है। ऐसे में कारोबारी को नेपाल में घुसकर वहां रहकर उठाकर लेकर चला आना। इसके बाद भी छोड़ देना या किसी के गले के नीचे नहीं जा रहा है।

लोटन कोतवाली में लाकर रखने की चर्चा

पकड़े गए नेपाली कारोबारी को सिद्धार्थनगर ज़िले की लोटन कोतवाली में रखा गया था। इसके बाद उसे टीम आगे लेकर गई थी। हालांकि इस बात से लोटन कोतवाल घनश्याम सिंह ने साफ तौर पर इनकार कर दिया। उनका कहना है कि 1997 से अब तक कयूम अंसारी नाम के किसी शख्स के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं है न ही कभी इस नाम के किसी व्यक्ति को पुलिस पकड़ कर लाई है। वहीं एसटीएफ के एक अफसर लेनदेन के मामले में एक व्यक्ति का उठाकर लोटन कोतवाली में लाने में एसटीएफ की ओर से मदद करने की बात कर चुके हैं। ऐसे में यह पुख्ता है कि कहीं न कहीं मामले को दबाया जा रहा है।

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