शायर राही बस्तवी के महिला विरोधी बयान से बुद्ध की धरती पर सियासी घमासान

February 22, 2017 12:05 PM0 commentsViews: 1856
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नजीर मलिक

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सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज निवासी और मशहूर शायर राही बस्तवी के बयान से सिद्धार्थनगर की राजनीति में सियासी भूचाल आ  गया है। लोग उनके बयान की निंदा के साथ पूरे जिले में सपा की घेरेबंदी करने में लग गये हैं। सोशल मीडिया पर भी यह बयान चर्चा का विषय बना हुआ है।

तीप दिन पूर्व राही बस्तवी ने डुमरियागंज के बेवा चौराहे पर सपा की एक चुनावी सभा को संबधोति करते हुए राजनीति में औरत के आने को इस्लाम के मुताबिक हराम करार दिया था। सियासी हल्के में हराम करार दिया था। अवाम इसे डुमरियागंज की बसपा उम्मीदवार मलिक सैयदा खातून से जांड़ कर देख रही है।

राहा का यह बयान इस वक्त पूरे जिले की सियासत में जेरे बहस है। तमाम लोग इसे एक बुद्धिजीवी का महिला विरोधी बयान मान रहे हैं। लोगों का मानना है कि राही का यह बयान राजनीति से प्रेरित है। ऐसे बयान देकर उन्होंने विपक्ष द्धारा सपा को धेरने का एक बड़ा मौका दे दिया है।

मक्कारी कर रहे राही बस्तवी

बहुजन समाज पार्टी ने राही बस्तवी के इस बयान को मक्कारी भरा बयान बताया है। बसपा के वरिष्ठ नेता नावेद रिजवी ने कहा है कि राही बस्तवी २०१० में डुमरियागंज में हुए उपचुनाव में स्व. विधायक तौफीक मलिक की पत्नी खतून मलिक के लिए दामन फैला कर वोटों की भीख मांग रहे थे। क्या वो महिला नहीं थीं। बसपा के मंडल कोआरर्डीनेटर इरफान मलिक कहते हैं कि राही बस्तवी ने अपनी बहूं को जिला पंचायत चुनाव में उतारा था। तब क्या महिला का राजनीति में आना हराम नहीं था? बहरहाल राह के इस भाषण के बाद जिले में यह चर्चाका विषय बन गया है। इसका राजनीति दुष्प्रभाव देखना शेष है।

राही ने महिला विरोध में गीत भी लिखा है

राही बस्तवी का एक बहुत मशहूर गीत ‘तुझे कौन करेगा प्यार, अरे रे बाबा न बाबा ‘ भी महिला विरोधी गीतों में शुमार किया जाता है। इस गीत में उन्होंने और को धोख की पुतली बताते हुए, उनकी प्रेम और संवेदना से दूर बताया है। इसके जवाब में एक शायरा ने जवाबी गीत लिख कर जवाब दिया है।

 

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