ईवीएम की जबरदस्त रखवाली के बाद भी क्यों डरे हुए हैं विपक्षी दलों के सारे उम्मीदवार

March 9, 2022 2:18 PM0 commentsViews: 484
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पूर्व सीएम श्री अखिलेश यादव जैसे जिम्मेदार नेता की प्रेस कान्फ्रेंस के बाद उम्मीदवारों की सतर्कता स्वाभाविक़- विजय पासवान

हालात ऐसे बने या बनाए गये गये कि हर उम्मीदवार सत्ता पक्ष की ईमानदारी के प्रति सशंकित हैं- जिले के विश्लेषकों की राय

 

नजीर मलिक

मंउी समिति कार्यालय पर इवीएम की निगरानी करते सपा कार्यकर्ता

सिद्धार्थनगर। कल यानी दस मार्च को मतगणना होनी है। बेइमानी की आंशंका के मद्देनजर तमाम दलों के उम्मीदवार सिद्धार्थनगर जिले के मंडी समिति कार्यालय में रखी गई ईवीएम मशीनों की पिछले आठ दिनों से दिनरात जबरदस्त तरीके से रखवाली कर रहे हैं। हालांकि कहीं कोई संदेहास्पद बात नजर नहीं आई है, फिर भी सपा बसपा और कांग्रेस जैसे प्रमुख दलों के उम्मीदवार पूर्व के चुनावों की अपेक्षा कुछ अधिक डरे हुए हैं। बेहद तगड़ी रखवाली के बावजूद उम्मीवारों और उनके समर्थकों के सीने धड़क रहे हैं तो आखिर कारण क्या है।

याद रहे कि हर चुनाव के दौरान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (इवीएम) की रखवाली की परम्परा रही है। इसके पीछे सदा ही सत्ता पक्ष द्धारा रखवाली की परम्परा रही है। इससे पूर्व बैलेट बाक्स की रखवाली भी की जाती थी। लेकि इस बार जबकि कल मतगणना की जानी है तो भी सारे उम्मीदवारों के कलेजे घड़क रहे हैं। और इस बात की आशंका को बल मिल गया है कि सत्तापक्ष धांधली कर चुनव जीतने की जुगत मे लगा हुआ है।

दरअसल इस डर का कारण गत दिवस सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस कान्फ्रेंस बताया जाता है। प्रेस कान्फ्रेंस में सपा अध्या ने बनारस और बरेली आदि में पकड़ी गई इवीएम मशीनों का हवाला देते हुए कहा है कि यह सत्ता पक्ष अपनी हर देखते हुए अब धांधली पर उतारू हो गया है।अखिलेश जैसे नेता के इस आरोप के बाद उम्मीदवारों को इस बात का पक्का विश्वास हो गया है कि भाजपा उन्हें जबरन हराने पर तुल गयी है। हालांकि डीएम वाराणसी ने मशीनों के पकड़े जाने पर सफाई दी है कि वे मतगणना कर्मियों ट्रेनिंग के लिए ले जाई जा रहीं थी।

बहरहाल अखिलेश की प्रेसावार्ता के बाद उम्मीदवारों के कलेजे धड़कने लगे हैं। इस बारे में कपलवस्तु विधनसभा क्षेत्र के सपा प्रत्याशी विजय पासवान का कहना है कि सपा अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी एक जिम्मेदार नेता हैं। इवीएम प्रकरण पर उनकी प्रेसवाता्र तथ्यों पर आधारित है। इसलिए उम्मीदवारों में डर पैदा होना स्वाभाविक है।इसी संदर्भ में जिले के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा नेताओं के बयान इक्जिट पोल का उनके बयानों से समानता और अब कथित रूप से इवीएम मशीनों का पकड़ा जाना विपक्षी उम्मीदवारों में डर तो पैदा ही कर रहा था ऊपर से अखिलेश यादव की प्रेसवार्ता ने उनकी बैचैनी में और इजाफा कर दिया है।

 

 

 

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