34 बरस का इंतजार खत्म, उद्धार हुई “राम कटोरी” 

January 23, 2024 10:02 AM0 commentsViews: 489
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रामभक्ति की अनूठी स्टोरी: घी, खोया, मलाई से बनी मिठाई रामसेवकों को खूब भाई

अजीत सिंह 

सिद्धार्थनगर। प्रभु राम अपने नवनिर्मित आश्रय में चंद रोज बाद स्थायी रूप से विराजमान हो जाएंगे। इधर, उनके धाम (अयोध्या) से लगभग 132 किलोमीटर दूर बर्डपुर कस्बे के निवासी विनोद मोदनवाल की प्रभु भक्ति से उपजी राम कटोरी भी चर्चा में आ गयी है। घी, मलाई और खोया से निर्मित इस मिठाई का जन्म तब हुआ जब सन 1990 में विनोद को राममंदिर आंदोलन के दौरान 28 दिन की जेल हुई। वहां से छूटे तो राम को समर्पित राम कटोरी बना डाली।

आराध्य की ऐसी महिमा की इस मिठाई के दीवाने न केवल जनपद में बल्कि देश के विभिन्न प्रांतों से लेकर विदेश तक में हो गए। यहाँ तक कि प्रख्यात भजन गायक रहे रविन्द्र जैन ने तो इस मिष्ठान्न पर एक गीत ही रच दिया। 34 बरस से आराध्य की प्रतीक्षा कर रही राम कटोरी 22 जनवरी 2024 को श्रीरामलला को उनके नवनिर्मित गर्भगृह में विराजमान होने के साथ ही उद्धार हो गई। भगवान बुद्ध के पिता शुद्धोधन की राजधानी कपिलवस्तु से आठ किमी. पहले सिद्धार्थनगर जिले के प्रमुख बर्डपुर कस्बे के निवासी व मिठाई विक्रेता विनोद मोदनवाल राम मंदिर आदोलन में बतौर कार्यकर्ता जुडे़ थे।

दो नवंबर 1990 को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर बस्ती जिला कारागार भेज दिया था। 30 नवंबर को 28 दिन की जेल काटने के बाद वह छूटे तो सीधे घर पहुंचे। जेल में बंद रहने के दौरान विनोद एक नई मिठाई बनाने का विचार किया। खोया, मलाई व घी के समन्वय से उन्होंने एक नई मिठाई तैयार की। जिसका आकार कटोरी का था। विनोद ने इसका नाम राम कटोरी रखा दिया। इसका वितरण उन्होंने 1992 की कारसेवा में अयोध्या जाने वाले कारसेवकों का मुफ्त किया।

बाबरी मस्जिद ढांचा गिराये जाने के बाद कारसेवक लौटे तो मिठाई चर्चा का विषय बन गई। उसकी बिक्री भी चरम पर पहुंच गई। इस घटना को 22 वर्ष बीत चुके हैं। इस दौरान राम कटोरी की लोकप्रियता बढ़ती गई। जिले के तमाम मिठाई के विक्रेता भी राम कटोरी बनाना शुरू कर दिया है। हल्के मीठे स्वाद वाली यह मिठाई मुंबई, अहमदाबाद, सूरत व दिल्ली में रहने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग वापसी में साथ ले जाते हैं।

मुस्लिम वर्ग में भी राम कटोरी लोकप्रिय

मंदिर आंदोलन की प्रेरणा से वजूद में आई राम कटोरी बाबरी मस्जिद ढांचा गिराये जाने के बाद सांप्रदायिकता का शिकार भी हो चुकी है। दरअसल छह दिसंबर के बाद मंदिर से जुड़ा आदमी जहां इसे श्रद्धा से खरीदता था, वहीं मुस्लिम समुदाय भी इसे नफरत की नजर से देखता था। बदलते परिवेश में बातें पुरानी हो चुकी है। अब यह मिठाई वर्ग विशेष की नहीं रह गई है और इसे हर वर्ग खासकर मुस्लिम समुदाय में भी लोकप्रिय होता जा रहा है।

जब रवींद्र जैन ने मिठाई पर गाया

राम कटोरी देश ही नहीं विदेशों में भी अपना संदेश फैला रही है। बढ़ती लोकप्रियता के बीच में मिठाई राम कटोरी इस कदर मशहूर हुई कि संगीतकार रवींद्र जैन ने रामकटोरी पर ‘राम की कटोरी सब की कटोरी, बोलो सियाराम जय जय सियाराम’ गाना भी गाया जो बाद में काफी मशहूर हुआ।

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