छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए राष्ट्रनायको की जीवनी जरुरि- सगीर ए ख़ाकसार

April 23, 2022 1:54 PM0 commentsViews: 150
Share news

अजीत सिंह

पचपेड़वा, बलरामपुर। छात्र छात्राओं के चतुर्मुखी विकास व बौद्धिक स्तर को ऊंचा उठाने के लिए ये ज़रूरी है कि वो राष्ट्रनायकों, युग पुरुषों के जीवन और उनके संघर्षों से परिचित हों, वो उनके सिद्धांतों, एवं आदर्शों को आत्मसात करके सफलता के नए नए कीर्तिमान बना सकते हैं।

 

इसी उद्देश्य के तहत बलरामपुर जिले के पचपेड़वा स्थित जे.एस. आई. स्कूल में हर शनिवार को एक नए श्रृंखला “ज़रा याद उन्हें भी कर लो” की शुरुआत की गई है। जिसके तहत युग पुरुषों और महानायकों के जीवन से बच्चों को रूबरू कराया जाता है।
इस शनिवार 23 अप्रैल को श्रृंखला की दसवीं कड़ी में भारत के वीर सपूत शहीद वीर अब्दुल हमीद की वीर गाथा से छात्र छात्राओं को रूबरू कराया गया।

मुख्यवक्ता सुरेंद्र सिंह चौधरी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वीर अब्दुल हमीद की वीर गाथा को शब्दों में नहीं पिरोया जा सकता। वो देश के सच्चे वीर सपूत थे।उन्होंने 1965 के भारत पाक युद्ध मे पाकिस्तानी दुश्मनों के न सिर्फ दांत खट्टे कर दिए बल्कि पाक के सात पैटर्न टैंकों के परखच्चे उड़ा दिए और लड़ते हुए वीर गति को प्राप्त हुए।

 

स्कूल के प्रबंधक/स्वतंत्र पत्रकार सग़ीर ए ख़ाकसार ने कहा कि 1965 से पूर्व 1962 के चीन भारत युद्ध मे भी वो अपनी वीरता को लोहा मनवा चुके थे। गोली लगने के बाद भी वो घायल अवस्था मे कई दिनों पैदल चलने के बाद वापस भारतीय सीमा में पहुंचे। उनकी वीरता के लिए नेशनल सेना मैडल, देश का सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र 26 जनवरी 1966 को उन्हें प्रदान किया गया।ख़ाकसार ने कहा कि वीर अब्दुल हमीद ने लड़ाई पर जाने से पहले अपने परिवार को समझाते हुए कहा था “अपना देश भी तो परिवार है।

इस अवसर पर रवि प्रकाश श्रीवास्तव, मुदस्सिर अंसारी, किशन श्रीवास्तव, साजिदा खान, राजेश यादव, सचिन मोदनवाल, अंजुम सफिया, नसीम कुरैशी, शमा, पूजा विश्वकर्मा, महजबीन, फरहान खान, अलका श्रीवास्तव आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

Leave a Reply