Death mistry: अहम सवाल! आखिर रुक्मणी मिश्र खुदकशी पर क्यों मजबूर हुई?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। त्रिलोकपुर थाने के मल्हवार गांव निवासी रुकमणी मिश्र ने मंगलवार साड़ी के फंदे से लटक कर जान दे दी। 24 घंटे पूर्व तक घर में हंसी खुशी रहने वाले रुक्मणी को अचानक किस गम ने इतना मजबूर कर दिया कि उसे जान देना पड़ गया। यह एक ऐसा सवान है, जिसका जवाब मिले बिना उसकी आत्महत्या की गुत्थी नहीं सुलझा सकती है।
जानकारी के मुताबिक, त्रिलोकपुर थाने के मल्हवार गांव निवासी मुरलीधर की तीन पुत्रियां थीं। उन तीनों बहनों की शादी एक ही परिवार में तीन सगे भाइयों के साथ खेसरहा थाने के ग्राम बसखोरिया में हुई थी। तीनों बहनों में दूसरे नंबर की 40 साल की रुक्मणी मिश्र विकास खंड इटवा में आंगनबाड़ी में सहायिका के पद पर कार्यरत थी। मंगलवार को वह भदोखर गांव से ड्यूटी करके आयी और विद्यालय से लौटे दोनों बच्चों को खाना खिलाकर बाहर घूमने के लिए भेज दिया।
उसके बाद दरवाजा बंद कर कमरे में लगे पंखे में साड़ी के फंदे के सहारे लटककर जान दे दी। बच्चों ने लौटने के बाद दरवाजा खोलने के लिए आवाज दी। दरवाजा न खुलता देख बच्चे दरवाजा पीटने लगे। शोर सुनकर पहुंचे आसपास के लोगों ने दरवाजा खुलवाया तो अंदर महिला फंदे से लटक रही थी। लोगों ने इसकी सूचना 112 व महिला के ससुराल वालों को दी।
फोरेंसिक टीम ने भी घटना स्थल की जांच की व सीओ डुमरियागंज सतीश चंद्र पांडेय ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया। सूचना पर चेयरमैन विकास जायसवाल ने परिजनों को ढांढस बंधाया। इस संबंध में एसओ त्रिलोकपुर विजय शंकर सिंह ने बताया कि लाश को पीएम के लिए भेज दिया गया है। रुकमणी
विकास खण्ड इटवा में आंगनबाड़ी में सहायिका पद पर होने के चलते अपने मायके मल्हवार गांव में बच्चों के साथ रहती थी।
रविवार को ससुराल से वह दोनों बच्चों के साथ मल्हवार गांव अकेली आयी थी। पति व मां ससुराल में ही थे। सोमवार को उसने गांव की महिलाओं के साथ पूजा अर्चना में भी खुशी मन से भाग लिया था। मंगलवार को उसने आदित्य (10) व अर्पित (12) को खिलाकर विद्यालय भेज दिया और स्वयं भदोखर गांव में ड्यूटी पर चली गई। दोपहर में जब वह वापस लौटी तो यह हादसा हुआ। लगता है कि रुक्मणी ने पहले से ही आत्महत्या के लिए ठान रखा था। लेकिन उसके पीछे के कारणों का पता नहीं चल पा रहा है। बहरहाल गांव वाले मृतका की इस मौत से हतप्रभ हैं।