पूर्वांचल के दिग्गज ब्राह्मण नेता को सपा में लेकर सभी दलों को चित्त करने की फिराक में अखिलेश

September 16, 2020 4:07 PM0 commentsViews: 5655
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— सिद्धार्थनगर में कमाल यूसुफ की वापसी तय, कुर्मी बिरादरी को दिया जा सकता है एक टिकट, प्रदेश में अति पिछड़ों को मिलेगी तरजीह

नजीर मलिक

“अपनी हारी हुई विरासत को पुनः जीतने की फिराक में  समाजवादी ने अभी से सियासी कवायद शुरू कर उसके लिए कई कोशिशें की जा रही हैं। इस रणनीति के तहत अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों पर बड़ा दांव खेलने का फैसला कर लिया है। जिसके तहत पूर्वी उत्तर प्रदेश के बड़े ब्राहृमण चेहरे को महाराजगंज जनपद के किसी विधानसभा सीट से उतार सकती है। इसके अलावा वह गत चुनाव की अपेक्षा इस बार यादव प्रत्याशी के बजाए अतिपिछड़ा और मुस्लिम प्रत्याशियों को अधिक सीटों पर टिकट दे सकती है। दरअसल ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव ने अब मुलायम सिंह यादव की सोशल इंजीनीयरिंग पर अमल करके उनकी राह पर चलने का मन बना लिया है”।

कौन है ब्राह्मण चेहरा

पता चला है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक बड़े राजनीतिक घराने के एक नेता से बातचीत लगभाग फाइनल है। इसके लिए सपा ने उन्हें महाराजगंज जनपद से चुनाव लड़ाने का मन बना लिया है। खबर है कि उक्त ब्राह्मण नेता इस समय बसपा में हैं और काफी प्रभावशाली हैं। उनका राजनीतिक जीवन भी साफ है। उनका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। उनके नाम की घोषणा में कुछ दिन लग सकते हैं। इसके अलावा पार्टी ने गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा सीट से भी किसी ब्राहमण को ही टिकट देने का मन बनाया है।

क्या सोचते हैं अखिलेश यादव

दरअसल अखिलेश यादव का मानना है कि आज का विप्र समाज प्रदेश में भाजपा से नाराज है। ब्राह्मणों की लगातर हत्याओं से इस समाज में भाजपा विरोधी सोच बढ़ती जा रही है। अखिलेश का मानना है कि इसका लाभ बसपा उठाये, इससे पूर्व बसपा से ही कुछ ब्राह्मण चेहरों को सपा में दाखिल करा कर एक बड़ा राजनीतिक लाभ ले लिया जाए। इसके अलावा इस बार बसपा को मुसलमानों के कम वोट मिलें तथा भाजपा के अति पिछडों को भी नये सिरे से पार्टी में जोड़ा जाये, इसलिए वह अति पिछड़ों और मुस्लिमों को टिकट में अधिक हिस्सेदारी दे सकते हैं। यह सपा का अजेय और सफल फार्मूला माना जा रहा है।

सपा का राजनीतिक धमाका जल्द

लखनऊ के सूत्र बताते हैं कि समाजवादी पर्टी में सिद्धार्थनगर जनपद से कमाल युसफ मलिक की वापसी भी लगभग तय है। गत विधानसभा चुनाव में बस्ती मंडल में अल्पसंख्यकों को टिकट न देने का जो परिणाम मिला उसने सपा को नये सिरे से सोचने को मजबूर कर दिया है। इसके अलावा मौर्या, निषाद व कुर्मी बिरादरी को भी प्रतिनिधित्व देने का पार्टी ने मन बनाया है।

इसके तहत सिद्धार्थनगर जिले में एक कुर्मी को टिकट दिया जा सकता है। माना जा रहा है कि इस बार अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव की तरह प्रभावी रणनीति बना रहे हैं, उसके नतीजे बेहतर ही आएंगे। फिलहाल तो इंतजार कीजिए, जल्द ही महाराजगंज जनपद में एक बड़ा राजनीतिक धमाका होने ही वाला है।   

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