सपा काटेगी एक चौथाई विधायकों का टिकट, अप्रैल के पहले हफ्ते में करेगी सूची का एलान

March 22, 2016 3:41 PM0 commentsViews: 403
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एस.दीक्षित

akhilesh

लखनऊ। समाजवादी पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जल्द जारी कर सकती है। इसमें सौ से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम हो सकते हैं। अधिकतर सीटें पिछले चुनाव में हारी हुई हैं। इनके दावेदारों के पैनल तैयार हैं। सपा सरकार के चार साल पूरे हो चुके हैं। पांचवें साल में चुनावी रणनीति बननी शुरू हो गई है।

सपा ने उन 170 सीटों पर पहले ध्यान केंद्रित किया है, जहां उसके विधायक नहीं हैं। लक्ष्य 2012 में हारी हुई सीटों में अधिकतर पर जीत दर्ज करने का है। इन सीटों को दो श्रेणियों में बांटा गया है।

पहला, जहां सपा कांटे की टक्कर में रही थी और दूसरा, जिन सीटों पर मुख्य मुकाबले से बाहर थी। जिन सीटों पर सपा दूसरे नंबर या करीबी मुकाबले में तीसरे नंबर पर थी, उन पर इस बार ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।

कमजोर सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने की कोशिश होगी। पार्टी ने हारी हुई सीटों पर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया काफी पहले शुरू कर दी थी। 15 मई 2015 तक टिकट के दावेदारों से आवेदन मांगे गए थे और अगस्त.सितंबर में उनके साक्षात्कार हुए।

प्रत्याशी चयन समिति में शामिल सपा के प्रदेश महामंत्री व सरकार में मंत्री अरविंद सिंह गोप, शाहिद मंजूर, कमाल अख्तर, एमएलसी नरेश उत्तम और एसआरएस यादव आदि ने साक्षात्कार लिए थे। पिछले चुनावों के नतीजे, जातीय समीकरण और जीत का आधार देखते हुए दावेदारों के नामों के पैनल तैयार करके पार्टी नेतृत्व को सौंप दिए थे।

सपा महासचिव रामगोपाल यादव पिछले चार महीने में पैनल के नामों की स्क्रीनिंग कर चुके हैं। अब अधिकतर सीटों पर मात्र एक.एक दावेदार बचे हैं। उनमें से अधिकतर को प्रत्याशी घोषित कर दिया जाएगा।

कुछ सीटों पर दो़-दो और चुनिंदा सीटों पर तीऩ़़-तीन नामों का पैनल है। सूत्रों के मुताबिक प्रत्याशियों की सूची लगभग तैयार है। मार्च के आखिर में या अप्रैल के प्रारंभ में इसकी घोषणा होने की संभावना है। पहली सूची में सौ से ज्यादा नाम हो सकते हैं।

कटेंगे एक चौथाई विधायकों के टिकट!

सपा विधानसभा चुनाव में लगभग एक चौथाई मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है। इनमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं। टिकट कटने वाले विधायकों की संख्या 50 से 80 के बीच हो सकती है। सपा मुखिया लगातार ऐसे मंत्रियों, विधायकों पर निशाना साधते रहे हैं। इन सीटों के उम्मीदवारों का फैसला सबसे बाद में किया जा सकता है।

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