प्रांतीय चुनावों के बाद डुमरियागंज लोकसभा सीट पर सपा की दावेदारी मजबूत, कांग्रेस पड़ी कमजोर

December 11, 2023 1:23 PM0 commentsViews: 705
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लालजी यादव, अनिल सिंह, चिनकू यादव आदि की है दावेदारी अंतिम

में आश्चर्यजनक रूप से माता प्रसाद पांडेय भी हो सकते हैं सपा का चेहरा

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। सप्ताह भर पहले डुमरियागंज सीट पर इंडिया गठबंधन के तहत जहां कांग्रेस प्रत्याशी की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही थी, वहीं तीन राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की  पराजय के बाद सपा की दावेदारी यकायक मजबूत हो गई है। फलतः अब टिकट की कामना रखने वाले सपाई दावेदारो की हलचलें भी तेज हो गई है।

खबर है कि हिंदी पट्टी के तीन राज्यों के चुनाव के पहले कांग्रेस के बढ़ते असर के कारण गोरखपुर व बस्ती मंडल की एक एक सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने दावेदारी की थी,और कांग्रेस ने यहां से अपने उम्मीदवार देने का इशारा भी कर दिया था। फलतः डुमरियागंज लाकसभा सीट पर काग्रेस के टिकट के दावेदारों की सक्रियता बढ़ गई थी। मगर पिछले हफ्ते सियासी हालात कुछ ऐसे बने कि इस सीट पर कांग्रेस की दावेदारी कमजोर पड़ी और सपा की राजनीतिक हसियत में अचानक उछाल आ गया।

क्यों भारी हुआ सपा का पलड़ा

बताते है कि हाल में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चल रहे चुनाव में कांग्रेस की जीत की संभावना थी। जीत के नतीजे के आधार पर कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के तहत यूपी में लोकसभा की कम से कम 30 सीटें औ सपा को 40 से 45 सीटें मिलने की संभावना थी। तब कांग्रेस की बढ़ी लोकप्रियता के कारण सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी गठबंधन का दबाव मानने को बाध्य थे। लेकिन पिछले सप्ताह चुनाव नतीजे में कांग्रेस को तीनों हिंदी प्रदेशों में करारी हार मिली। इससे अब उत्तर प्रदेश में लोकसभा सीटों की बारगेनिंग में कांग्रेस कमजोर और हुई तथा सपा का पलड़ा अपने आप भारी हो गया है।

क्या बताते हैं लखनऊ के सूत्र

सपा के लखनऊ के सूत्र ठोस सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव अब रायबरेली व अमेठी के अलावा कांग्रेस को पांच और सीटों से ज्यादा हिस्सेदारी देने को राजी नहीं है। उसी सूत्र का कहना है कि गठबंधन के बहुत जोर डाले परउसकी संख्या सात से बड़ कर दस की जा सकती है। इनमें अमेठी व रायबरेली को छोड़ कर जो आठ सीटें बचती हैं उनमें कांग्रेस के बड़े नेताओं को लड़ना है। इसलिए उसमें डुमरियागंज का नाम नहीं हो सकता। हां गोरखपुर मंडल के महाराजगंज सीट से कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का टिकट जरूर पक्का हो सकता है।

बताया जाता है कि सपा की इस रणनीतिक आहट के पाते ही टिकट के स्थानीय सपाई दावेदार अति सक्रिय हो गये हैं।जिनमें प्रमुख रूप से पूर्व विधायक लालजी यादव, पूर्व विधायक अनिल सिंह, पूर्व सांसद आलोक तिवारी सपा नेता चिनकू यादव, इंजीनीयर रामफेर यादव आदि बताये जा रहे है ।इसके अलावा अन्य कइयों के नाम भी लिए जा रहे हैं।

मगर एक खबर है कि पूर्व सांसद आलोक तिवारी को अखिलेश यादव ने टिकट न देने का इशारा कर दिया है। वहीं अंतिम समय पर आश्चर्यजनक रूप से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय उम्मीदवार घोषित हो सकते हैं। हालांकि वह अभी लोकसभा चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर रहे हैं। ब्रहमन नेता के रूप में विकल्प स्वरूप गोरखपुर हाता के तिवारी परिवार से भी कोई अचानक सामने आ सकता है।

 

 

 

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