Exclusive- “चर्चित” शायर इमरान प्रतापगढ़ी संतकबीरनगर से हो सकते हैं सपा उम्मीदवार

January 23, 2019 5:19 PM0 commentsViews: 2020
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नजीर मलिक

 

सिद्धार्थनगर। मुस्लिम दुनियां की समस्याओं को अपनी शायरी में समेटने और खुद को “शायर ए कौम” मानने वाले शायर  बहुचर्चित शायर इमरान प्रतापगढ़ी बस्ती मंडल की संतकबीरनगर सीट से समाजवादवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। इसके लिए उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपने जानने वालों से संतकबीर नगर सीट का जातीय समीकरण समझने की कोशिश शुरू कर दी है। अगर ऐसा हुआ तो बस्ती ही नहीं गोरखपुर मंडल में कई सीटों हलचल मच सकती है।

भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक घोषित तौर पर कांग्रेस समर्थक शायर माने जाने वाले इमरान प्रतापगढ़ी ने अचानक पाला बदल लिया है। उनका निजी बातचीत में मानना है कि यूपी में कोई ऐसी सुरक्षित सीट नहीं है, जहां से वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत सकें। इसलिए उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से सम्पर्क किया। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव ने उन्हे टिकट के लिए हरी झंडी दे दी है। इमरान की पंसंदीदा सीटों में मुरादाबाद और संतकबीर नगर है।

सूत्र बताते हैं कि पहले इमरान और सपा अध्यक्ष के बीच मुरादाबाद सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति बनी थी, लेकिन लोगों द्धारा यह समझाने पर कि पड़ोसी जिले रामपुर में आजम खान के रहते वह चुनाव जीतने के बाद भी नेता के रूप में स्थापित नहीं हो पायंगे, न ही उनकी चल पायेगी। इसके बाद उन्होंने संतकबीर नगर पर ध्यान दिया। संतकबीर नगर मुस्लिम बहुल्य जिला है। यहां यादव व निषाद समाज की अच्छी तादाद है। लिहाजा यह सीट उन्हें काफी सुरक्षित लग रही है। इमरान सन अक्तूबर 2018 में यहां एक मुशायरे में आये थे, तभी उनको इस क्षेत्र के मुस्लिम बाहुल्य होने का पता चला था

खबर है कि यह सीट उनके लिए कैसी रहेगी? इसकी जानकारी उन्होंने पूर्वीं उत्तर प्रदेश के अपने सम्पर्कों से लेनी शुरू कर दी है। अधिकांश ने उनके लिए यह सुरक्षित सीट भी बताया है। लेकिन सवाल है कि गत चुनाव में यहां से बसपा दूसरे नम्बर पर थी, लिहाजा उसका हक बनता है, दूसरे इस सीट से बसपा ने अपना उम्मीदवार पूर्वांचल के चर्चित ब्राहमण नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे व पूर्व सांसद कुशल तिवारी को बना रखा है। सवाल यह है कि क्या बसपा सुप्रीमों आसानी से इस सीट पर अपना दावा छोड़ देंगी।

लखनऊ में गठबंधन की राजनीति के जानकारों का कहना है कि अखिलेश यादव व मायावती में गठबंधन को लेकर जो समझ बनी है, उसमें बसपा का दो नम्बर पर होना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। लेकिन कुछ लोगों का यह कहना है कि खुद इमरान प्रतापगढ़ी का सियासी रिकार्ड विवादास्पद रहा है। कभी वह कांग्रेस के लिए वोट मांगते है तो कभी ओवैसी के लिए। जनता उनको समझने लगी है। इसलिए अगर उनको लेकर मुसलमान भी विभाजित है। लिहाजा संतकबीरनगर की सीट उनके लिए वाटर लू भी साबित हो सकती है।

 

 

 

 

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