दर्जनों स्कूलों में कांपते पहुंचे बच्चे, लेकिन टीचर का पता न था. स्कूलों पर लगे रहे ताले
अमित श्रीवास्तव
मिश्रौलिया, सिद्धार्थनगर। सर्दी की वजह से प्रशासन ने एक जनवरी तक स्कूल बंद करने का आदेश जारी किया था। आज यानी दो जनवरी को स्कूल खुला। हजारों बच्चे कंपकपाती ठंड में अपने स्कूलों पर गये, नलेकिन जिलने के दर्जनों बिद्यालयों पर ताला लटका मिला और अध्यापक साहबान रजाइयों में दुबके रहे। ब्ड़े साहब का बयान है कि कार्रवाई होगी। ऐसे मामलों में साहबों का “कार्रवाई होगी” वाला यह बयान ही हर मर्ज का इलाज बनता जा रहा है और जिम्मेदार धृतराष्ट्र की भूमिका निभा रहे हैं।
बताते हैं कि बांसी तहसील क्षेत्र में आज भी दर्जनों प्राथमिक विद्यालय बंद रहे। छात्र तो विद्यालयों पर आये, लेकिन इनको पढ़ाने वाले जिम्मेदार ही स्कूल नहीं पहुँचे। इसका नतीजा यह हुआ कि जिले अनेक विद्यालय बंद रहे। केवल बांसी तहसील में ही दो दर्जन से ज्यादा स्कूलों के ताले नहीं खुल सके। अभिभावक बच्चों को लेकर जरूर परेशान रहे।
बताते चलें कि ठंडक की छुट्टी के बाद 2 जनवरी को जिले के विद्यालयों की छुटियां समाप्त हुई हैं और 2 जनवरी मंगलवार से सभी विद्यालयो को खोलने का आदेश प्रशासन की ओर से जारी किया गया था। मगर इन आदेशो को दरकिनार कर कई प्राथमिक विद्यालयों पर छात्रों को शिक्षित करने वाले अध्यापक ही नहीं पहुँचे और विद्यायल बंद रहे। ताला बंद स्कूलों के सामने बच्चे घंटों खड़े कांपते रहे और अंत में थक हार कर घर लौट गये।
जानकारी के मुताबिक बांसी तहसील के प्राथमिक विद्यालय तिघरा, उड़वलिया, असिधवा द्वितीय सहित कई प्राथमिक विद्यालय छुटिया खत्म होने के बाद भी बंद रहे।इसमें से कई विद्यालयो पर छात्र भी पढ़ने आये पर विद्यालय बंद होने के कारण अपने घरो को वापस चले गए।
इस बारे में जब खण्ड शिक्षा अधिकारी शिव कुमार से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि वो सम्पूर्ण समाधान दिवस में है एनपीआरसी को भेज कर दिखवाता हूँ जो विद्यालय बन्द मिलेगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी और यह “कार्रवाई होगी” वाला बयानही सभी बड़े अफसरों को सुरक्षित करने की अचूक दवा है। कई कलक्टर साहबान भी किसी सरकारी मामले में गड़बड़ी के बारे में पूछे जाने पर कहते हैं कि जांच और कार्रवाई होगी। यह परम्परा सालों से जारी है।