यूपी चुनाव में सपा का किसी दल से गठबंधन नहीं, सिर्फ चाचा शिवपाल के साथ रहने के आसार

November 20, 2020 2:01 PM0 commentsViews: 396
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बस्ती, गोरखपुर व श्रावस्ती मंडल की दर्जनोंं सीटों पर बदले जा सकते हैं प्रत्याशी, जिताऊ चेहरे की तलाश में सपा

स्पेशल ब्यूरो

लखनऊ। लगता है कि सपा अध्यक्ष खिलेश यादव व प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव के रिश्तों के बीच जमी बर्फ तकरीबन पिघल चुकी है। खबर है कि अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव से सुलह का मूड बना लिया है। खबर है कि यूपी के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी किसी के साथ समझौता या गठबंधन नहीं करेगी। वह केवल शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा से समित सीटों पर तालमेल कर अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। इससे लखनऊ में दोनों दलों के समर्थक काफी खुश नजर आ रहे हैं।

शिवपाल यादव के प्रति क्यों नरम पड़े अखिलेश?

हाल के दिनों में लखनऊ के सियासी गलियारों में एक खबर की बेहद चर्चा है।जिसके मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव में सपा की जीत तया मान रहे हैं। अतः वे जीतने में की रणनति में कोई कोताही नहीं करना चाहते। इसलिए अपनी तरफ से शिवपाल यादव के लिए सीटें छोड़ने का मन बना लिया है। क्यों कि वे जानते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तीन दर्जन सीटों पर शिवपाल यादव की पार्टी व उनके समर्थक खुद न जीते तो भी वे इतने सक्षम हैं कि सपा को हरा या जिता जरूर सकते हैं। फर्रूखाबाद के उपचुनाव में यह साबित भी हो चुका है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी कोई एक दर्जन सीटों पर शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा का अच्छा प्रभाव है। इसलिए भतीजे अखिलेश ने चाचा शिवपाल को लेकर अपने रुख में परिवर्तन किया है।

धरातल की सच्चाई समझ चुके सपा अध्यक्ष

सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव समझ चुके हैं कि गठबंधन की हालत में कांग्रेस का अधिकांश सवर्ण वोट सपा को ट्रांसफर होने के बजाए भाजपा में चला जाता है। इसके अलावा बसपा उनसे पूरी तरह अलग हो भाजपा खेमे में जा चुकी है। ऐसे में शिवपाल यादव एवं कुछ अन्य छोटे दलों से तालमेल उन्हें सरकार बनाने की दिशा में अधिक फयदा लग रहा है, जो धरातल पर सच भी लगता है। सूत्र बताते हैं कि सपा इस बार जिताऊ कैंडीडेटों पर ही भरोसा करेगी। भले ही वह दूसरे दलों से आयातित हों।

कहां कहां से बदले जा सकते पुराने प्रत्याशी

जानकारों के मुताबिक अगर अखिलेश की यह रणनीति कायम रही तो बस्ती व गोरखपुर मंडल में सपा के एक दर्जन से ज्यादा पूर्व उम्मीदवारों को टिकट से वंचित होना पड़ सकता है। इनमें सिद्धार्थनगर की हाट सीट डुमरियागंज समेत बांसी, शोहरतगढ़, बस्ती की कप्तानगंज, संतकबीर नगर की मेंहदावल, गोरखपुर  की चिल्लूपार, महाराजगंज की पनियरा फरेंदा आदि विधानसभा सीटें संभावित रूप से शामिल हैं। इसी प्रकार श्रावस्ती, फैजाबाद मंडल की कई सीटों पर फेर बदलबदल की संभावनाएं भी बन रही है। इन सीटों पर नये उम्मीदवारों की रूप रेखा तैयार की जा रही है। कुछ सीटों पर तो नाम तय भी हो चुके हैं। तय नामों वाले लोग तकनीकी कारणों से अंतिम समय पर अपने दलों को त्याग कर सपा में आयेंगे।

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