शोहरतगढ़ क्षेत्र को शोहरत व विकास की बुलंदी पर ले जाने का वादा है- आफताब आलम
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर।कई नदियों के कछार में बसा शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के साथ कुदरत ही नहीं सियासतदानों ने भी मजाक किया है। यही वजह है कि यह क्षेत्र विकास की दुष्टि से सबसे ज्यादा पिछड़ा है। अगर आपने बसपा को सहयोग व समर्थन दिया तो यह क्षेत्र शोहरत और विकास की बुलंदी पर पहुंच कर रहेगा। यह बसपा के साधारण कार्यकर्ता के रूप में मेरा वायदा है।
उपरोक्त बातें बसपा नेता और डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र प्रभारी आफताब आलम ने कहीं। वह रविवार को क्षेत्र के ग्राम इटहिया, झुंगवा, वृमपुरा, संगरहवा, पंचमपुर, शिवपुर में आयोजित सभाओं व जनसम्पर्क कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब आप सबको शोहरतगढ़ के गांव और खेत की खुशहाली के लिए वोट करना होगा। क्योंकि जाति धर्म, ऊंच नीच के नारे ने जनता को अब तक बहुत छला है। इसलिए अब आपको विकास के बारे में सोचना होगा।
धार्मिक वैमनस्य की राजनीति कर रही भाजपा
भारतीय जनता पार्टी पर करार प्रहार करते हुए आफताब आलम ने उसे विकास विरोधी बताया और कहा कि मोदी जी तथा योगी जी की सरकार केवल जाति और धर्म के नाम पर वैमनस्य फैला रही है। सरकार ने किसानों के अनाज के दाम नहीं बढाये, किसानों के बच्चों की फीस बढ़ा दी। आज नये अस्पताल खुलने बंद हो चुके हैं। नौकरियों पर रोक लगी हुई है। जनता इन सब की मांग न कर पाये, इसलिए उसे मंदिर मस्जिद के विवाद में उलझाया जा रहा है।
वर्तमान सरकार में समाज का हर वर्ग त्रस्त
उन्होंने कहा कि आज देश के दलितों को सताया जा रहा है। पिछड़ों को निशाना बनाया जा रहा है। सवर्णों के पढे लिखे बच्चे बेरोजगार घूम रहे हैं, मुसलमानों का कोई पुरसा हाल नहीं है। नरेगा का बजट काट देने की वजह से मजदूर परेशान है। समाज का कोई वर्ग नहीं जो खुशहाल हो। जीएसटी के कारण छोटा व्यापारी भी त्रस्त है। पुलिस का इंस्पेक्टर दिन दहाड़े गोलियों से भून दिया जाता है और सरकार अपराधियों के पक्ष में खड़ी रहती है। ऐसे में इस सरकार को बने रहने का हक नहीं है।
अंत में भाजपा सरकार को हटाने का आहवान करते हुए आफताब आलम ने कहा कि सरकार बदली तो देश का विकास होगा, आपने यहां से सांसद बदला तो शोहरतगढ़ की खोई बुलंदी पुनः वापस मिलेगी। इसलिए आगामी चुनाव में आप बसपा की मदद कर अपना गौरव वापस पा सकते हैं। कार्यक्रम को बसपा नेता मुनीराम राजभर, राममिलन भारती, अमजद अली (प्रधान), डा. ओमप्रकाश, सल्लाउद्दीन, अरविन्द कन्नौजिया, शुभकरन चैधरी, रामदेव चैहान, प्रेम चैहान, विभूती निषाद, हीरालाल कुरील, शौकत अली, दान बहादुर चैधरी, हरीराम भारती, रामपाल, मनोज मिश्रा, अमरेश पाल यादव, सुनील मिश्रा, राजाराम लोधी व नन्हे पाण्डेय आदि ने भी सम्बोधित किया।
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