जुमलेबाजी कर जनता को असल सवालों से भटका रही भाजपा- अफताब आलम

October 23, 2018 3:22 PM0 commentsViews: 378
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नजीर मलिक

मधुबनी की सभा में बोलते हुए बसपा लाकसभा प्रभारी आफताब आलम

सिद्धार्थनगर। लोकसभा सीट डुमरियागंज के बसपा प्रभारी और उम्मीदवार आफताब आलम ने कहा है कि केन्द्र में मोदी जी की सरकार के दिन अब गिने चुने रह गये हैं। चुनाव जीतने के लिए उनके पास कोई सार्थक मुद्दा नहीं है। वे निरंतर साढ़े चार सालों से जुमलेबाजी कर जनता को बुनियादों सवालों से भटकाने में लगे हैं। यही कारण है कि वह महंगाई, भ्रष्टाचार, पर चुप रह कर केवल जुमलेबाजी करने में लगे हैं। लेकिन जनता सब समझरही है, और वह समय पर इसका जवाब देने को तैयार है।

आज (मंगलवार) को उन्हेंने सदर विधानसभा के मधुबनी और शोहरतगढ़ के गौरा बाजार में आयोजित जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि गत लोसभा चुनाव की रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी जी ने सबके खाते में 15 लाख भेजने का वादा किया था। वह उनका पहला जुमला था। इसके बाद काला धन से लेकर रोजगार के नाम पर पकौड़ा बेचने तक की उनकी जुमलेबाजियां जनता के बीच मजाक बन रही है। उन्हें बताना चाहिए कि उनका प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को राजगार देने का वादी कहा गया। डीजल पेट्रोल के दाम क्यों आसमान छू रहे है, जबकि कच्चे तेल का दाम पहले से आधा हो गया है। शिक्षा का निजीकरण करने से शिक्षा महंगी हुई लेकिन मोदी जी उस नीति को आगे ही बढ़ाते जा रहे हैं। अखिर क्यों?

आफताब आलम ने सभा में सवाल उठाया कि सरकार ने किसानों की उपज का मूल्या दोगुना देने को कहा था, यह वादा कब पूरा होगा। सौ स्मार्ट सिटी बनाने के उनके वादे का क्या हुआ? आफताब आलम ने कहा कि जनता को इनकी जुमलेबाजियों को समझना होगा। दरअसल यह सरकार किसान, और जवान विरोधी है। इसे सिर्फ पूजीपतियों को लाभ दिलाने की चिंता है।
अंत में उन्होंने कहा कि यह सारे सवाल जनता को झकझोरने वाले हैं। इन्हें याद रख जनता को आगामी चुनाव में अपने वोट का हथियार इस जनविरोध सरकार के खिलाफ उपयोग करना होगा। क्योंकि फासिस्ट विचार की सरकारें कभी भी गरीब किसान का हित नहीं सोच सकती हैं।

इन दोनो सभाओं में बसपा के वरिष्ठ नेता पट्टू राम आजादए  सुरेश कुमार गौतमए  दिनेश चन्द्र गौतम, शमीम अहमद, रामशंकर मौर्या, बृजमोहन, चुन्नीलाल, श्यामा चन्द्र गौतम, जहूर खान, सन्तराम वरुण, अब्दुल कलाम, सुनील चौधरी, बाबूलाल विश्वकर्मा, राधेश्याम गौतम, योगेन्द्र राजभर, निजाम अहमद, शंकर, मनोज मिश्रा, रफीक, इन्द्रजीत, मोतीलाल, दिवाकर, मुनीराम राजभर, ओमप्रकाश, अमजद अली, विजय प्रताप, विभूति निषाद, प्रेम चौहान, सुनील मिश्रा, अरविन्द कन्नौजिया, सुभकरन चौधरी, उमेश गौतम, लाल किशोर, आदि की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।

 

 

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