शोहरतगढ़: तेज हुआ प्रत्याशियों का जनसंपर्क अभियान
सरताज आलम
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। जितनी मुँह, उतनी बाते-कोई गदा को जीता रहा है तो कोई हाथी। कुछ लोगों का दावा जीप को लेकर उसकी स्पीड बढ़ा रहा है तो कुछ साईकिल को स्पीड दे रहें हैं, ज्यादा लोग हथौड़ा से कमल की डन्ठी को तोड़़ने की कोशिश में है, केतली की चाय किस-किस तक पहुचेगी, कितनी मीठी होगी और मतदाताओं पर कितना असर करेगी यह तो आने वाला समय बतायेगा, लेकिन केतली वाले कि भूमिका नगर पंचायत शोहरतगढ़ में हल्का आंकना भूल होगी।
रही बात वट वृक्ष की तो उसकी छाया इतनी सघन नहीं नजर आ रही कि जनता उसकी छांव हद में नजर आ सकें। यदि हाथ के पंजे की बात करें तो उसमें इतना दम नजर आता नही है कि जीत की दमदारी पेश कर सकें। नगर पंचायत के पूर्वी छोर से संखनाद गूंज रहा है तो पश्चमी और उत्तरी ओर से कही पर जीप गतिमान नजर आ रही है, तो कही पर हाथी चिघांर कर रही है। भले ही उसके चिगाड़़ में उतना दम न हो जितना होना चाहिए। लेकिन विशालकाय शरीर पर सवार महावत अन्य प्रत्याशियों के अंदर दहशत का कंपन पैदा कर रहा है।
क्योंकि महावत के साथ हाथी पर एक पुराने दिग्गज बसपाई नेता का नजर आना नगर पंचायत शोहरतगढ़ के अध्यक्ष पद के चुनाव पर अच्छा खासा प्रभाव पड़़ना स्वभाभिक स्थिति लाजिम नजर आ रहा है। यूं तो दावे सब के अपने-अपने है, वह भी जीत का दम भर रहा है। जो चुनाव की लड़ाई में समूचे नगर पंचायत शोहरतगढ़ में अपनी पहचान भी नही बना पाया है। वस्तुतः 13 मई की मतगणना के तिथि तक हर कोई जितने का दावा करेगा लेकिन दावेदारी का दमखम मतदान के बाद 11 मई के बाद बहुतो का दम टूट जायेग जो दमदार शेष बचेंगे उन्ही के बीच लड़ाई होगी। देखना है बाजी कौन मरेगा ?