सरकार द्वारा शुल्क लेकर चिकित्सा बीमा देना पूरी तरह से बाजारू व्यवस्था है- शिक्षक संघ
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। परिषदीय शिक्षकों में कैशलेश चिकित्सा के नाम पर सशुल्क चिकित्सा बीमा योजना के विरोध में शुक्रवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के सदस्यों ने जिला अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री को संबोधित अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नायब तहसीलदार माधुर्य यादव को सौंपा। इसके उपरांत सशुल्क चिकित्सा बीमा योजना की प्रतियां भी जलाई।
संघ के जिला अध्यक्ष आदित्य कुमार शुक्ला ने कहा कि कैशलेश चिकित्सा के नाम पर सशुल्क स्वास्थ्य बीमा देना शिक्षकों के साथ धोखा है, सरकार द्वारा शुल्क लेकर चिकित्सा बीमा देना पूरी तरह से बाजारू व्यवस्था है। कर्मचारियों को निशुल्क और शिक्षकों को सशुल्क बीमा देना सरकार का दोहरा रवैया है। यह शिक्षकों को स्वीकार नही है।
महामंत्री पंकज त्रिपाठी ने कहा कि जितने पैसे में यह चिकित्सा बीमा देने की योजना सरकार ने बनाया है, उतनी हमारे सहयोगी शिक्षामित्र, अनुदेशक का मानदेय नही है। सरकार अपने वादे से मुकर रही है, कुछ अधिकारी साजिशन शिक्षकों को सरकार के खिलाफ भड़का रहे हैं।
कोषाध्यक्ष अभय सिंह ने कहा कि यह योजना शिक्षकों के साथ छलावा है, इसे लेकर शिक्षकों में काफी आक्रोश है। वक्ता रेणुमणि, शशिबाला सोनी, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, मनीष सिंह ने नई पेंशन योजना को बंद पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, आकांक्षी जनपद से आठ वर्षों से रुका स्थानांतरण करने, विभाग में लंबित पदोन्नति करने की मांग रखी।
इस दौरान विपुल सिंह, शिवपाल सिंह, पंकज राय, मनोज त्रिपाठी, अनुपम सिंह, जयप्रकाश उपाध्याय, पतंजलि मिश्र, प्रदीप पांडेय, निधि त्रिपाठी, शिखा गुप्ता, अजीजुर्रहमान, अमित पांडेय, अभिषेक मिश्रा, शंभू सिंह, हिमांशू सिंह, सुरेंद्र गुप्ता, प्रमोद त्रिपाठी, पीयूष द्विवेदी, संचिता मजूमदार मौजूद रहे।