सपा सरकार को हमने दिया 3 MLA, फिर भी नहीं बनीं सड़कें
संजीव श्रीवास्तव
“जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों में सत्तापक्ष के 3 विधायक हैं। इनमें से एक तो उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हैं। बाकी दो विधायक भी किसी अफसर को उठक-बैठक करवाने का दंभ भरते हैं। बावजूद इसके, सत्ताधारी दल के तीनों नेता ज़िले के विकास में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। पूरे ज़िले की सड़कें अंतिम सांसे गिन रही हैं लेकिन नेता अपनी ही दुनिया में खोए हुए हैं।”
सिद्धार्थनगर मुख्यालय से सभी तहसीलों को जाने वाली सड़कें अब डराने लगी हैं। कमोबेश हर दिशा में सड़कों में गहरे गड्ढे बन गए हैं। हाल यह है कि शहर में लग्जरी कारें भी किसी बैलगाड़ी की रफ्तार से रेंगती हैं। कुछ ऐसी ही दशा पड़ोसी जनपद को जोड़ने वाली सड़कों का भी है। बस्ती, बलरामपुर या फिर महाराजगंज की तरफ जाने वाली हर सड़क पर किसी भी गाड़ी की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा से आगे नहीं बढ़ सकती।
वजह सिर्फ इतनी है कि चंद कदम की दूरी पर गहरे गड्ढे बन गए हैं। हर दिन के मुसाफिर किसी तरह अपना सफर इन सड़कों पर पूरा कर रहे हैं लेकिन मरीज़ों की हालत इन सड़कों से गुज़रने पर बदतर हो जाती है। ज़िले के लिए यह निहायत शर्मनाक स्थिति है कि कमोबेश सभी नेता असंवेदनशीलता की सीमा लांघ चुके हैं।
कमोबेश सभी नेता बार-बार यह कहकर टाल देते हैं कि फोरलेन की वजह से सड़कें टूटी हुई हैं। मगर ज़िले में ऐसी बहुत-सी सड़कें हैं जहां फोरलेन का काम नहीं चल रहा है। नेता यह नहीं बता पाते कि इन सड़कों की हालत कैसे सुधरेगी।
कपिलवस्तु विधानसभा क्षेत्र से सपा के विजय पासवान, शोहरतगढ़ से लालमुन्नी सिंह एवं इटवा से माता प्रसाद पांडेय सत्ताधारी दल के विधायक हैं। तीनों की पहचान शासन में अच्छी पकड़ वाले विधायकों के रुप में है मगर तीनों नेता सड़कों की स्थिति सुधारने को लेकर उदासीन हैं।
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