भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय होगा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय- प्रो० रजनीकांत पाण्डेय

May 21, 2018 8:18 PM0 commentsViews: 1458
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अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रो० रजनीकांत पाण्डेय ने यहां से स्थानांतरित होने के बाद लोगों को बताने के उद्देश्य से अपने अंतिम प्रेस कांन्फ्रेंस में कहा कि भारत का यह पहला विश्वविद्यालय होगा जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी ख्याति बिखेरेगा। आने वाले दिनों में यहां नेपाल के बहुसंख्य छात्र छात्रायें शिक्षा ग्रहड़ करेंगे, क्योंकि उनके लिये सरकार अलग से हास्टल का निर्माण करा रही है।

उन्होंने कहाकि स्थापना के समय से ही मेरा उद्देश्य पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने को था, जिस कारण विवि में फीस जमा करने व फार्म भरने आदि सभी कार्य ऑनलाइन व्यवस्था कराया, जो प्रदेश का पहला विश्व विद्यालय है। एनआईसी से ऑनलाइन कार्य होता है।

प्रो० रजनीकांत ने बताया कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में 5 अगस्त 2013 से 22 मई 2015 तक विशेष कार्याधिकारी पद पर रहते हुए भूमि का शिलान्यास कराया उसके बाद 2015 से अब तक कुलपति के रूप में कार्य किया। इन सब के बीच उत्तर प्रदेश सरकार और तीडिया का रोल बहुत ही सकारात्मक रहा।

उन्होंने सोमवार को वि.वि. के प्रशासनिक भवन में पत्रकारों को सबोधित करते हुए कहा कि बुद्ध की जन्म स्थली तपस्थली पर स्वयं को पाकर सौभाग्यशाली मानता हूं। यहा कार्य करने का अवसर मिला यह सैभाग्य कर बात है। निर्माण से लेकर विश्वविद्यालय चलाना मेरे लिए रोमांचक रहा।

25 वर्ष के अपने कैरियर में मैंने माना कि विश्व विद्यालय विद्यार्थियों के लिए बना है। बड़ी चुनौती रही यूपी के अति पिछड़े जनपद में बिना संचालन के कार्य किया मेरा पूरा विश्वास है कि यह विवि देश का पहला अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनेगा। जो भारत नेपाल के रिश्ते में सेतु का कार्य करेगा।

सरकार ने अपने बजट में नेपाल के छात्र छात्राओं के लिए छात्रावास दिया है। संबद्ध महाविद्यालय की परीक्षा के लिए ऑनलाइन पद्धति लागू कराया गया। विश्व विद्यालय को कैशलेस किया गया है। इसके पास सर्वाधिक 22 विभाग हैं। यहाँ 88 पद सृजित हैं।

वाणिज्य के अध्यापक कार्य कर रहे हैं। उम्मीद है कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय छात्रो से भर जाएगा। इसके अलावा परीक्षा का मूल्यांकन व परीक्षाफल समय से संपन्न हुआ। अगला सत्र समय से प्रारम्भ किया गया है।

इस जिले के लोग बहुत अच्छे हैं इनका सहयोग हमेशा मिलता रहा है। परिषद की पहली बैठक में ही मैंने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध केंद्र बनाने की बात कही थी जिसके लिए एक प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा है। जो जल्द ही रिजल्ट बनकर सामने आएगा। नेपाल से विद्यार्थी आएंगे तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अनुदान की राशि भी बढ़ाएगा।

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