सपा के बड़े नेता ने लगाया सदर विधायक पासवान के टिकट में अडंगा, भुगतेगी सपा

December 28, 2016 6:37 PM0 commentsViews: 1913
Share news

नजीर मलिक

23

सिद्धार्थनगर। समाजवादी पार्टी ने आज यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से 325 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन पहली बार प्रचंड बहुमत से जीत कर आने वाले जिले के सदर यानी कपिलवस्तु सीट पर वर्तमान विधायक के नाम की घोषणा न होने से यहां हंगामा मचा हुआ है। लोग बाग इसे सपा के एक बडे नेता का कारनामा बता रहे हैं। सूची में नाम नहीं होने से सदर विधायक विजय पासवान लखनऊ रवाना हो गये है।

आज समाजवादी पार्टी ने यूपी विधानसभा की 403 सीटों में से 325 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। शेष 78 सीटों पर गतिरोध होने के कारण वहां उम्मीदवारी का फैसला नहीं हो पाया है। जिसमें कपिलवस्तु विधानसभा सीट भी है। याद रहे कि जिले में यह सीट सदर विधायक पासवान ने सबसे ज्यादा मार्जिंन से जीती थी। उन्हें 78 हजार 3 सौ 44 मत मिले थे, जबकि उनके निकतम प्रतिद्धंदी भाजपा के श्रीराम चौहान हो 41 हजार 4 सौ 74 मत ही मिल सके थे, यानी उन्होंने विपक्षी को 36 हजार 8 सौ 60 वोटों से हराया था।

पहले ही चुनाव में इतनी बड़ी मार्जिंन के साथ जीत कर आने वाले विधायक का टिकट फाइनल न होना जिले में चर्चा का विषय बन गया है। लोग कयासबाजियों में लगे हैं। आम तौर से आम आदमी यह कह रहा है कि विधायक विजय पासवान के खिलाफ कोई चार्ज नहीं है, इसके बावजूद उनके टिकट की घोषणा न होना, जिले के एक नेता की साजिश है।

याद रहे कि सदर विधायक विजय पासवान के क्षेत्र में अचानक बढ़नी ब्लाक के प्रतिनिधि प्रदीप पथरकट्ट पोस्टरों, बैनरों के साथ टिकट के दावेदार के रूप में सामने आये। प्रदीप शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं। बताया जाता है कि उन्हें जिले के एक प्रभावशाली नेता ने विजय पासवान के मुकाबले खड़ा किया था।

चर्चा है कि उसी नेता ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर प्रदीप को विधायक विजय पासवान के खिलाफ खड़ा किया। चूंकि उक्त नेता और सदर विधायक के बीच 36 का आंकड़ा है, इसलिए वह विजय पासवान को शिकस्त देने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी एक  वर्कर का कहना है कि उक्त नेता अपने स्वार्थ के लिए समाजवादी पार्टी को भी बर्बाद करने पर तुले हैं।

हालांकि समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अंततः विजय पासवान को ही टिकट मिलेगा, लेकिन उसका यह भी कहना है कि उक्त नेता पार्टी को नहीं बल्कि अपने फायदे के लिए राजनीति कर रहा है। हालांकि प्रदीप पथरकट्ट अनुसूचित जाति के होने के बावजूद शिक्षित और बेहद सौम्य हैं, लेकिन राजनीति में जनाधार की भी वकत होती है।

समाचार लिखे जाने तक मौजूदा घटना क्रम के बाद विधायक विजय पासवान लखनऊ रवाना हो गये हैं, जहां वह पार्टी के नियंताओं के सामने अपनी बात रखेंगे। इस बारे में विधायक विजय पासवान ने बताया कि उनका टिकट नहीं कटा है, लेकिन गतिरोध के मद्दे नजर वह सपा आला कमान के सामने अपनी बात रखेंगे। अगर पार्टी ने उन्हें खारिज किया तो वह चुपचाप पार्टी की सेवा में लगे रहेंगे और जिले का चुनावी समीकरण क्या बनेगा, वह चुनाव परिणाम बता देंगे।

 

Leave a Reply