SPECIAL STORY: त्रिलोकपुर पुलिस झूठी या लड़की और उसके पिता?

December 23, 2015 7:37 PM0 commentsViews: 795
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नज़ीर मलिक 

मीडियाकर्मियों को आपबीती सुनाती पीडित लडकी

मीडियाकर्मियों को आपबीती सुनाती पीडित लडकी

सिद्धार्थनगर जिले के त्रिलोकपुरी थाने की पुलिस कई विवादों की वजह से लगातार सुर्खियों में है। हाल में एक पत्रकार को थाने में घंटों कैद करने के बाद कथित गैंगरेप का केस तूल पकड़ चुका है। थाने के एसएचओ ओमप्रकाश चौबे और लड़की के पिता अपने-अपने दावे पर अडिग हैं। नतीजा लड़की के बयान पर टिका हुआ है जिसे दो दिन बाद सीजेएम के सामने पेश करके रिकॉर्ड किया जाएगा। जानिए कि पुलिस, लड़की और उसके पिता का क्या कहना है?

कपिलवस्तु पोस्ट से हुई बातचीत में लड़की के पिता ने कहा कि उनकी लड़की को गांव का ही एक शख्स विश्राम बहलाकर अपने साथ ले गया। 14 नवंबर को भगाने के बाद वह उसे सीमा से सटे नेपाली गांव पुरषोत्तम पुर ले गया।

लड़की का दावा है कि पुरषोत्तम पुर में विश्राम ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया लेकिन इसी दौरान वहां तीन शख्स और पहुंचे। इनके नाम जगदीश, मझिलका और विजय बहादुर हैं। फिर बारी-बारी से चारों ने उसका रेप किया। इनमें से तीन सगे भाई हैं जबकि विजय बहादुर जानने वाला है। यह सिलसिला 18 दिसंबर तक चलता रहा यानीकि एक महीने से भी लंबे समय तक।

लड़की के पिता का आरोप है कि 14 नवंबर के फौरन बाद उन्होंने त्रिलोकपुर थाने से गुहार लगाई। संदिग्ध विश्राम की भूमिका भी बताई लेकिन पुलिस हरकत में नहीं आई। इसके बाद वह खुद अपनी बेटी की तलाश में जुट गए और 18 नवंबर को वह उसे नेपाल से रेस्क्यू कर अपने घर ले लाए।

पिता का यह भी आरोप है कि त्रिलोकपुर थाने के एसओ ओमप्रकाश चौबे मुलजिमों को बचाना चाहते हैं। लिहाजा, कार्रवाई के लिए पुलिस हेडक्वॉर्टर में गुहार लगानी पड़ी। पिता के मुताबिक जिले के आला अफसरों के आदेश पर त्रिलोकपुर थाना एफएआईआर दर्ज करने के लिए मजबूर हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि धाराएं गैंगरेप की नहीं लगी हैं।

वहीं एसओ ओमप्रकाश चौबे ने लड़की के पिता के ज़्यादातर आरोपों को झूठा बताया है। उनका दावा है कि लड़की नाबालिग नहीं है। उसकी उम्र 22 साल है। वह विश्राम नाम के शख्स के साथ रहना चाहती है। वह अपनी मर्जी से उसके साथ गई थी लेकिन घरवालों ने दबाव बनाकर उसे वापस बुला लिया है।

एसओ चौबे के मुताबिक लड़की के पिता ने उसकी उम्र से जुड़ा मदरसे का सर्टिफिकेट दिखाया है जोकि फर्जी लग रहा है। मदरसे के रजिस्टर में 1994 की तारीख को काटकर 1999 किया गया है। इसलिए रजिस्टर को भी कब्जे में लेकर जांच की जा रही है।

एसओ चौबे का दावा है कि लड़की मंगलवार की रात भी मौका पाकर विश्राम के पास चली गई थी। इसके बाद उसके घरवालों ने विश्राम के घर में घुसकर मारपीट की। रात 10 वे दोबारा अपनी बेटी को साथ ले गए। बहरहाल, लड़की पुलिस हेडक्वॉर्टर पर सिद्धार्थनगर पुलिस की निगरानी में है।

सिद्धार्थनगर पुलिस गुरुवार को लड़की का मेडिकल टेस्ट करवाएगी। इसके बाद सीजेएम के सामने पेश करके धारा 164 के तहत बयान दर्ज किया जाएगा। सीजेएम के सामने लड़की को शुक्रवार या शनिवार को पेश किया जा सकता है। एसओ ओमप्रकाश चौबे का कहना है कि सबकुछ लड़की के बयान पर टिका है। अगर वह कहती हैं कि उनके साथ गैंगरेप हुआ है तो एफआईआर में धाराएं शामिल होंगी और मुलजिमों को अरेस्ट भी किया जाएगा।

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