स्टेडियम में खेल और खिलाडियों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए डीएम को मांगपत्र

June 16, 2022 5:18 PM0 commentsViews: 124
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ओलपिंक संघ और खो-खो संघ ने सौंपा अलग-अलग मांगपत्र

दोनों संगठनों के मांगपत्र पर सकारात्मक निर्णय का आश्वासन

 

अजीत सिंह

जिलाधिकारी सभाकक्ष में मांगपत्र पर चर्चा करते खेल संघ के पदाधिकारी

सिद्धार्थनगर। जनपद के खेल और खिलाड़ियों के हित समेत जिला स्टेडियम में व्याप्त समस्याओं के निस्तारण के लिए जिला ओलपिंक संघ और जिला खो-खो संघ के जिलाधिकारी संजीव रंजन को अलग-अलग मांगपत्र सौंपा है। डीएम संजीव रंजन ने दोनों संगठनों की ओर से मिले मांगपत्र पर सकारात्मक पहल और निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया है।

जिला ओलपिंक संघ के अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव और सचिव मो. इब्राहिम के संयुक्त हस्ताक्षर से जिलाधिकारी को 12 बिंदुओं से संबंधित मांगपत्र सौंपा गया। मांगों में खेल प्रशिक्षकों की तैनाती कराने, प्रोत्साहन समिति में एकत्र धनराशि का लाभ जिले के सभी खिलाड़ियों को दिलाने, एकत्र धनराशि का आय-व्यय विवरण समिति के सदस्यों को समय-समय पर देने, तहसील स्तर पर समिति का गठन करने, स्टेडियम के दर्शक दीर्घा में टीनशेड बनवाने, शुद्ध पानी के लिए स्टेडियम में आरओ प्लांट स्थापित कराने, तरणताल का खराब फिल्टर प्लांट ठीक कराने, मुख्य मार्ग से स्टेडियम परिसर में पहुंचने के लिए सीसी मार्ग का निर्माण, खेल संगठनों से समन्वय स्थापित करने, अनुपयोगीहो रहे हाईमास्ट को उपयोगी बनाने, बड़े आकार के तरणताल के टूटे टाइल्स समेत अन्य खामियों को दूर करने, जय किसान इंटर कॉलेज सकतपुर सनई के पीटीआई और खेल जनक स्व. बृजपाल सिंह के नाम से स्टेडियम के बैडमिंटन हाल का नामाकरण करने जैसे बिंदु थे। जिलाधिकारी संजीव रंजन ने सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।

खो-खो संघ की मांगें
जिला खो-खो संघ के अध्यक्ष अरूण कुमार प्रजापति और सचिव सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव के संयुक्त हस्ताक्षर से सौंपे गए मांगपत्र में जिला खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में कबड्डी, कुश्ती, खो-खो, वालीबॉल, दौड़ जैसी प्रतियोगिताएं कराने, खिलाड़ियों के मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा कराने, जनपद से बाहर जाने वाले खिलाड़ियों को यात्रा भत्ता देने, प्रशिक्षकों, खिलाड़ियों और खेल संगठनों के पदाधिकारियों की संयुक्त खेल विकास कार्यशाला कराने, खेल प्रतियोगिताओं का वार्षक कैलेंडर बनाने, खेल मैदानों में मेडिकल किट उपलब्ध कराने, खेल के क्षेत्र में महिलाओं, दिव्यांगजनों को प्रमुखता से जोड़ने जैसे बिंदु शामिल हैं।

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