सप्लाई विभाग बिना तमंचे के कर रहा 3 करोड़ प्रतिमाह की लूट, कहां कहां बंटती है लूट की रकम ?

May 3, 2018 6:07 PM0 commentsViews: 668
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अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर।  जिले के पूर्ति विभाग में प्रति माह लगभग 3 करोड़ की भ्रस्ट कमाई का खेल खेला जा रहा है। इसका खुलासा करते हुए कई कोटेदारों और जिम्मेदारों के फोन के आडियो वायरल हो रहे हैं। तीन करोड़ बहुत बड़ी रकम होती है। आखिर इस लूट का बड़ा हिस्सा कहां कहां बंटता है, यह तो पता नहीं, लेकिन विभाग के बाबुओं की अलीशान कोठियां और उनका रहन सहन देख कर जारी आडियों पर यकीन होना स्वाभाविक है।

गत दिवस जिले के बर्डपुर ब्लाक के एक कोटेदार और एक व्यक्ति के बीच बातचीत हुई, जिसमें कोटेदार ने यह बताया कि वह जिला पूर्ति विभाग को रजिस्टर पर दस्तखत कराने के लिए  हर माह 21 हजार देता है। उसका कहना है कि यह देनदारी गल्ले के उठान पर निर्भर है। आधा खाद्यान्न उठाने वाला कोटदार इससे अधिक देता है तो कम अनाज उठाने वाला कोटेदार इससे कम रकम पर ही दस्तखत करा लेता है।

कपलिवस्तु पोस्ट ने 21 हजार घूस प्रतिमाह का औसत निकाला तो चौंकाने वाले तथ्य मिले। जिले मे वर्तमान में कुल 1330 कोटेदार है।  1300 कोटेदार यदि 21 हजार महीने औसत की दर से विभाग को घूस देते हैं तो यह रकम हर महीने  1330×21000के हिसाब से 2 लाख 79 हजार प्रतिमाह बैठती है।

बताते हैं कि हर महीने इतनी बड़ी रकम का मंत्री से संत्री लेबल तक बंदर बांट होता है। यही कारण है कि इस विभाग का चपरासी, बाबू भी आलीशान घरों का मालिक दिखता है। बाकी जिले के वरिष्ठ अफॅसरों को कितना मिलता होगा, यह समझने की बात है।

वायाल विडियों में तमाम खुलासे किये गये हैं। सदर तहसील में विभाग ने धन वसूली के लिए जिला मुख्यालय स्थित थरौली क्षेत्र के किसी भिखारी नाम के व्यक्ति को लगा रखा है। यह गप्पू भिखारी पिछले कई सालों  से इस काम को अंजाम दे रहा है। सूत्रों का कहना है कि पूर्ति विभाग ने पूरे जिले में भिखारी जैसे वसूली कर्ता को तहसीलवार या कहीं कहीं ब्लाकवार बिठा ऱखा हैं।

डीएसओ नरेन्द्र तिवारी ने कहा

इय बारे में जिला पूर्ति अधिकारी नरेन्द्र तिवारी से सवाल किया गया तो वे गुस्से में विफर पडे। उन्होंने पत्रकारों को बहुत बुरा भला कहा। श्री तिवारी ने कहा कि मुझे जवाब नहीं देना। जो चाहो लिखो। पत्रकाररें से मुझे कोई बात नहीं करना। वह होते ही ऐसे हैं। अब डीएसओ साहब की नाराजगी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सच्चाई क्या है।

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