Excludive़- जगदम्बिका पाल को चुनौती देने वाले भाजपा के नये लाल कौन?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। लोकसभा चुनावों को लेकर घड़ी की सूईयां काउंट डाउन को बढ़ चुकी हैं। इधर प्रांतीय चुनावों के नतीजे आये उध्रर लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की मारा मारी शुरू हो जायेगी। इस लिहाज से अन्य दलों की तरह भाजपा के लोग भी अपनी खेमेबंदी को मजबूत करने में लगे हैं। जिले की अकेली लोकसभा सीट से डुमरियागंज से भाजपा नेता जगदम्बिका पाल सांसद हैं। उनके जैसे कद्दावर नेता का टिकट काट कर दूसरे को देना मुमकिन नामुमकिन लगता है। इसके बावजूद भी उनको घेरने के लिए भाजपा के कई नेता प्रयासरत हैं।
बताया जाता है कि सिटिंग सांसद जगदम्बिका पाल का टिकट कटवा कर खुद की उम्मीदवारी का ख्वाब देखने वालों में भाजापा के कम से कम आधा दर्जन नेता शामिल हैं। सबका दावा है कि वर्तमान सांसद से टिकट छीन कर आगामी लोकसभा सीट डुमरियागंज के वे ही उम्मीदवार होंगे। सबकी दलीलें सुन कर ऐसा लग रहा है कि टिकट उन्हीं का फाइनल होगा। तो इस बात की समीक्षा जरूरी है कि आखिर जगदम्बिका पाल के सामने कौन नेता किस हद तक चुनौती पेश करने में सक्षम है।
पाल की जमीनी हकीकत और प्रतिद्धंदी
सांसद जगदम्बिका पाल एक मंझे राजनीतिज्ञ हैं। वे कांग्रस छोड कर गत चुनावों में भाजपा के टिकट से जीते थे। कांग्रेस में उनका कद बहुत बड़ा था। जिसकी वजह से भाजपा में उनका स्तर बना रहा। भाजपा में वे ऐसे नेता माने जाते हैं, जिन्हें सरकार के किसी भी मंत्री को परिचय देने की जरूरत नहीं पड़ती। इसके बावजूद प्रतिद्धंदियों को विश्वास है कि वे टिकट की लड़ाई में वे जगदम्बिका पाल को शिकस्त देने का माद्दा रखते हैं।
मुखर प्रतिद्धंदी डा. चन्द्रेश, क्या है उनकी ताकत?
टिकट को लेकर जगदम्बिका पाल के प्रतिद्धंदियों के बारे में जान लेना भी बेहतर होगा। उनके सबसे चर्चित प्रतिद्धंदी जिले के प्रतिष्ठित डाक्टर. और हड्उी रोग विशेशज्ञ डा. चन्द्रेश उपाध्याय हैं। गत नगर पालिका चुनाव में वे यहा भाजपा के के पुराने नेता और पूर्व चेयरमैन का टिकट कटवा कर अपने श्वसुर के लिए टिकट लाने में सफल रहे उनकी सबसे बडी ताकत भाजपा के एक राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, जो उनके स्कूल फेलो रहे हैं। इसके अलावा भाजपा में दूसरे नम्बर के नेता कहे जाने वाले एक नेता के पुत्र से उनके अंतरंग संबंध रहे हैं। इसी आधार पर डा. चन्द्रेश को विश्वास है कि दोनों मिल कर अन्ततः उनका टिकट फाइनल कराने में कामयाब होंगे। यहीं कारण है कि डा. चन्द्रेश पिछले कई महीनों से जनता के बीच जा रहे हैं और पूरा जिला उनकी राजनैतिक छवि से परिचित भी हो चुका है।
गोविंद माधव और राधा रमण भी ठोक रहे ताल
पाल को चुनाती देने के प्रयास में दो और मख्सूस चेहरे भाजपा नेता राधा रमण़ त्रिपाठी और गोविंद माधव हैं। गाविंद माधव भाजपा के सीनिया लीडर और कई बार मंत्री रहे स्व. धनराज यादव के पुत्र हैं, साथ ही भाजपा के क्षेत्रीय मंत्री भी हैं। गोविंद माधव के समर्थकों की मानें तो उनके पिता के साथ के नेताओं की टीम गोविंद के लिए लाबीइंग कर रही है। मगर राजनीति में नेता की मौत के बाद उसके पुत्र के लिए कौन कितना मदद कर सकता है, सब जानते हैं। वैसे गोविंद माधव का मानना है कि अन्ततः मुहर उन्हीं के नाम पर लगेगी। एक अन्य नेता राधा रमण त्रिपाठी भी पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से सम्बंधों के सहारे टिकट की उम्मीद लगाये बैठे हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजनीति में डूबते सूरज की कोई पूंछ नहीं होती। इसके अलावा दो अन्य टिकटार्थियों की बात करना गैरजरूरी है।
दिल थाम कर इंतजार कीजिए
तो आने वाले चुनाव में स्थानीय सीट पर कौन चुनाव लड़ेंगा इसका इंतजर कीजिए।कायदे से पहला हक तो जगदम्बिका पाल का ही है। वै अपने टिकट को लेकर निश्चिंत भी लग रहे हैं, लेकिन पहला खतरा उन्हें डा़. चन्द्रेश व दूसरा खतरा गोविंद माधव से ही है। पाल का टिकट कटना मुश्किल है, लेकिन राजनीति में अपवाद स्वरूप मौको पर बड़े बड़े दिग्गजों का पलटते भी देखा गया है। राजनीत में सब कुछ संभव असंभव है। इसलिए अगले अपडेट के लिए कपिलवस्तु पोस्ट पर नजर बनाये रख्रें।