फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने वाली अध्यापिका की जमानत खारिज, जेल गई

December 4, 2023 12:21 PM0 commentsViews: 342
Share news

गोरखपुर की रहने वाली है अध्यापिका, ऊंटापार में पढ़ाती थी पूनम

टीचर, स्वतंत्रता सेनानी आश्रित परिवार का लगा रखा था प्रमाणपत्र

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्राथमिक विद्यालय की टीचर बनी पूनम कुमारी जायसवाल की जमानत जिला न्यायलय ने खारिज कर दी है। पूनम गोरखपूर जनपद की रहने वाली है, वह जिले के उसका बजारविकास खंड के प्रथमिक विद्यायालय ऊंटापार में टीचर थी। । यह जिले का वो चचिर्चत प्रकरण है, जिसमें गंभीर धाराओं के बावजूद अभियुक्ता राहत के लिए हाईकोर्ट तक गई मगर, पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रति उदासीन बनी रही।

कैसे हुई जमानत अर्जी खारिज

पूनम जायसवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनाई गत 2 दिसम्बर को जिला एवं  सत्र न्यायाधीश संजय कुमार मलिक की अदालत में हुई।जिसमें फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी पाने के मामले में पूनम ने स्वंय को निर्दोष बताया। इस प्रकरण में पलिस ने साक्ष्य संकल तोकिया मगर चार्जशीट प्रेषित नहीं किया। इस मसले पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का पक्ष सुनने के बाद जिला जज ने जमानत का पर्याप्त आधार नहीं पाया और याचिका खारिज कर दी औरभियुक्तो को न्यायिक अभिरक्षा में जेल जाना पड़ा।

यहां यह उल्लेखनीय है कि अक्तूबर २०२३ में केस दर्ज होने के बावजूद भी पलिस ने पूनम कोगिरफ्तार नही किया और वह अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट तक वक्कर लगाती रही। जहां से उसे अस्थाई रिलीफ मिली, मगर उसे जमानत के लिए जिला न्यायालय में जाना ही पड़ा, जहां उसकी जमानत अर्जी खारिज हो गई।

ऊंटापार में पढ़ाती थी पूनम

बता दें कि यह बहुचर्चित मामला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राथमिक शिक्षक की नौकरी पाने का है। खंड शिक्षा अधिकारी उसका बाजार ने चार अक्टूबर 2023 को थानाध्यक्ष उसका बाजार लिखित प्रार्थना पत्र दिया था।  बीएसए कार्यालय के पत्र के अनुसार पूनम कुमारी जायसवाल का स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र सत्यापन कराने के उपरांत असत्य पाया गया है, जिस कारण 20 सितंबर को पूनम कुमारी जायसवाल की सेवा समाप्त कर सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराये जाने का आदेश किया गया। पूनम उसकी ब्लाक के प्रथमिक विद्यालय ऊंटाबाजार में तैनात थी।

क्या थी फर्जीवाड़ा  की कहानी

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के 20 सितंबर 2022 के आदेश के अनुसार सहायक अध्यापकों की भर्ती के तहत पूनम कुमारी जायसवाल का स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र असत्य पाया गया है। जांच रिपोर्ट में पूनम कुमारी जायसवाल पुत्री गोरख प्रसाद जायसवाल द्वारा नियुक्ति के समय प्रस्तुत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित प्रमाण पत्र का विभागीय सत्यापन  जारीकर्ता कार्यालय जिलाधिकारी द्वारा करवाया गया। संबंधित कार्यालय के पांच अक्तूबर 2023 के पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि पूनम जायसवाल का प्रमाण पत्र इस कार्यालय के किसी भी रजिस्टर में दर्ज नहीं पाया गया तथा उक्त प्रमाण पत्र इस कार्यालय से निर्गत नहीं किया गया है। अंत  अक्तूबर में पुलिस ने केस दर्ज कर विवेचना शुरू किया और साक्ष्य संकलन किया। आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित नहीं है। अभियुक्ता ने न्यायालय में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया और खुद को निर्दोष बताया। न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर जमानत का आधार पर्याप्त नहीं पाया और उसकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दिया।

 

Leave a Reply