तेजी से फैल रहा कोरोना वायरस, एक एक गांव में दर्जनों मरीज, अब तक 77 की मौत 13 सौ बीमार

May 15, 2021 2:12 PM0 commentsViews: 811
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बिना जांच वाले को बताया जा रहा स्वाभाविक मौत, वरना मौतों का आंकड़ा दो गुने से भी ज्यादा होता

घर घर दस्तक के तहत जिले में 4434 संभावित नये कोविड संक्रमितों की हुई पहचान, कार्यक्रम जारी

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। कोरोना वायरस की व्यापकता अब गांवों में भयानक रूप लेती जा रही है। पहले जहां गांव में इक्का दुक्का मरीजों की खबरे आती थीं, अब एक एक गांव में दर्जनों मरीज मिलने लगे हैं। वैसे तो प्रशासन ने कोरोना से मरने वालों की तदाद 77 बताया है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यदि आक्सीजन की कमी से, बिना कोरोना टेस्ट वाली मौतो की जांच की जाय तो यह संख्या दो गुनी से ज्यादा हो सकती है। लखनापार जैसे कई गांवों में तो दर्जनों मरीजों की खबरे मिल रही हैं। जिलाधिकारी ने तो वहां का दौरा कर हालात का जायजा भी लिया है। दूसरी तरफ घर घर दस्तक कार्यक्रम में पूरे जिले में 4434 संभावित कोविड संक्रमितों की पहचान हुई है। इससे चिंताएं और गहरा गई हैं।

 क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

स्वास्थ्य विभाग द्धारा शुक्रवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक जिले में कोरोना से चार मौतें हुईं जिनमें डुमरियागंज में दो व बांसी व नौगढ़ तहसीलों में एक एक मौत शामिल है। इस प्रकार जिले में अब तक कोरोना से मरने वालों की तादाद 77 हो गयी है। इस बुलेटिन में केवल गुरुवर तक का अपडेट है। इसके अलावा जिले में कोराना पीडितों की तादाद 1309 बताई जा रही है। यह आंकड़ा भी गुरुवार तक का है। जहां तक ग्रामीणों का सवाल है वह इन आंकड़ों को सही नहीं मानते हैं। उनका कहना है कि जो मरीज खुद को कोरोना पीड़ित बता कर जिला अस्पताल आता है उसे टेस्ट होन तक कोविड वार्ड में जगह नहीं दी जाती। इस बीच वह आकसीजन की कमी से मर जाता है तो प्रशासन उसे कोरोना से मौत नहीं मानता है।

… तो यह मौतें आखिर हुईं कैसे ?

इस सम्बंध में सामाजिक कार्यकर्ता शाहरुख खान कहते हैं कि उनके दोस्त की मां को कोविड था, उन्होंने आक्सीजन की कमी से अस्पताल में दम तोड़ दिया, इसके पूर्व सिवल लाइन्स सिद्धार्थनगर की एक महिला की मौत हो चुकी थी। बेलसड़ मोहल्ले में एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री मतदान डयूटी से लौटने के बाद मर चुकी है। आक्सीजन के आभाव में जिला अस्पताल में चार लोगों की एक साथ मौत की खबरे तो आखबारों की सुर्खियां बन चुकी हैं। मगर उनका मौत का कारण हर्ट अटैक बताते हुए प्रशासन ने कोरोना से हुई मौत मानने से इंकार कर दिया।

मौतों की जांच करे स्वास्थ्य प्रशासन

यही नहीं अभी तीन दिन पूर्व ग्राम अकरहरा में दो व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।  सबके प्राथमिक लक्षण कोरोना के ही थे, मगर उनका टेस्ट नहीं हुआ था। लिहाजा प्रशासन इन मौतों को कोरोना से मौत नही मानता। शाहरूख खान कहते कि इन सारे लोगों में आक्सीजन की कमी थी। अगर यह करोना से मौत नहीं है तो इतने लोग आक्सीजन की कमी से क्यों मर रहे हैंं, प्रशासन को इसे सार्वजनिक करना चाहिए।

एक एक गांव में 20 से 40 लोग बीमार, खतरा बढ़ा

दूसरी तरफ जिले के विभिन्न अंचलों से जो खबरे मिल रहीं हैं उसके मुताबिक गांवों में हालात खराब हो रहे हैं। एक एक गांव में बीस- चालीस मरीज मिल रहे हैं। खबर है कि ब्लाक जोगिया के ग्राम लखनपारा में  १९ लोगों के संक्रमित होने की जानकारी के बाद जिलाधिकारी दीपक मीणा ने स्वास्थ्य विभाग के साथ गांव का भ्रमण किया। हमारे शोहरतगढ़ रिपोर्टर निजाम अंसारी  के मुताबिक बढनी ब्लाक के ग्राम झरूआ में कोरोना के संभावित 42 पीड़ित मिले हैं। सभी लोग सर्दी जुकाम और श्वांस की दिक्कत से पीड़ित लिे हैं। इसी प्रकार शोहतगढ़ ब्लाक के राम नगर गांव में इसी प्रकार के बीस व्यक्ति पाये गये हैं।

कुल मिला कर घर घर दस्तक कार्यक्रम के तहत आशा वर्करों द्धारा की जा रही छानबीन के मुताबिक अब तक 4434 संभावित कोरोना पीड़ित पाये जा चुके हैं। लेकिन टेस्टिंग की धीमी गति ग्रामीणों के समक्ष समस्या बनी हुई है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वह भीड़भाड़ से बचें मास्क पहने और अनावश्यक बाहर कम निकलें। बचाव ही सर्वोत्तम बचाव है।

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