शोहरतगढ़ः कांगेस से टिकट के लिए तीन दिग्गज डाक्टरों में रस्साकशी

October 30, 2021 1:24 PM0 commentsViews: 1505
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—- फाइनल रेस डा. सरफराज अंसारी व डा. अरविंद शुक्ला के बीच में

नजीर मलिक

डा.सरफराज अंसारी एक आयोजन में शिरकत करते हुए

सिद्धार्थनगर। जिले में चुनावी माहौल झलकने लगा है। टिकट की चाह रखने वाले विभिन्न दलों के लोग अपनी अपनी पार्टी के अलाकमान अथवा उनके करीबियों की गणेश पक्रिमा में लग गये है। ऐसे में कांग्रेस के टिकट को लेकर जिले की शोहरतगढ़ विधानसभा क्षत्र में वक्त ये पहले ही हलचल शुरू हो गई है। यहां कांग्रेस पार्टी से चार पेशेवर चिकित्सकों द्वारा दावेदारी पेश कर देने से पूरे जिले की गिगाहें इस विधानसभा क्षेत्र पर अभी से लग गई हैं।

जानकारी के मुताबिक शोहतगढ़ विधानसभा क्षे़त्र से कांग्रेस के दावेदारों में पहला नाम डा. सरफराज अंसारी का है। वे एक मशहूर सर्जन हैं और उपनगर शोहरतगढ़ के निवासी हैं। इसके अलावा जिला युवक कांग्रेस के जिलाध्या डा. अरविंद शुक्ला और डा. ओपी श्रीवास्त हैं। डा. अरविंद शुक्ला शहर के बड़े दंत चिकित्सका है तो डा. ओ.पी. श्रीवास्तव प्रसिद्ध फिजीशियन हैं। डा. शुक्ला व डा. ओपी श्रीवास्तव सिद्धार्थनर मुख्यालय पर प्रेक्टिस करते हैं। इन तीनों दावेदारों ने कांग्रेस पार्टी में टिकट की दावेदारी के लिए भराजाने वाला फार्म और उसका शुल्क जमा कर रसीद भी प्राप्त कर रखी है। अंतिम नाम जिले के प्रसिद्ध हड्डी राग विशेषज्ञ डा. चन्द्रेश उपाध्याय का सामने आ रहा है। मगर अभी वे कुछ अनमने दिखते हैं। सो दावेदारी के लिए रस्साकशी केवल तीन के बीच ही दिख रही है।

अब सवाल है कि तीनों की कोशिशें क्या हैं? तो खबर है कि डा. अरविंद शुक्ला सिद्धार्थनगर से शेहरतगढ़ जा कर अक्सर पार्टी का कार्यक्रम किया करते हैं। और अपनी राजनीतिक छवि गढ़ चुके हैं। दूसरी ओर सर्जन डा. सरफराज अंसारी तो शोहतगढ़ तहसील मुख्यालय पर प्रैक्टिस करे हैं और पूरा समय जनसेवा पर खर्च करते हैं। उन्होंने  निशुल्क मेडिकल कैम्प के माध्यम से खूब नाम कमाया है। इसके अलावा वे पर्वो, त्यौहारों और खेल आयोजनों में जम कर भागीदारी करते हैं। गरीब लड़कियों की शादी में दान करके नाम कमाते हैं। उनका स्थानीय होना ही उनका प्लस प्वाइंट है।

तीसरे डा. ओम प्रकाश श्रीवातव की क्षेत्र में सक्रियता कुछ कम है। वे स्वयं बताते हैं कि मैने टिकट आवेदन का शुल्क जमा कर फार्म भर दिया है। उनका कहना साफ है कि उन्होंने बड़े नेताओं को अपनी रिपोर्ट दे दी है। यदि वे विश्वस कर उनको टिकट देंगे तो वे अच्छी लड़ाई लड़ लेंगे, लेकिन टिकट के लिए  बहुत भाग दौड़ नहीं कर सकते। डा. ओ.पी. की बात से समझा जा सकता है कि कांग्रेस में इस प्रकार से टिकट नहीं दिया जाता है। लिहाजा मुख्य रस्साकशी डा.सरफराज और डा. अरविंद में ही दिख रही है।

इस बारे में डा. अरविंद शुक्ला कहते हैं कि वे संगठन के व्यक्ति हैं। इसलिए पार्टी के ज्यादातर स्थानीय नेता उनके समर्थन में हैं। वे पार्टी से टिकट के लिए आलाकमान तक सपोर्ट करेंगे। दूसरी तरफ डा. सरफराज का कहना है कि वे खनदानी कांग्रेसी हैं। जब तक यहां कांग्रेस का दबदबा था उनका घर राजनीतिक हलचलों का केन्द्र रहा करता था। मुस्लिम वर्ग ने कांग्रेस का साथ छोड़ा तो भी उनका परिवार कांग्रेस के साथ रहा। वे स्वयं क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों से सक्रिय है। जिले में एक टिकट अल्पसंख्यक को मिलना ही है। इसलिए उनकी दावेदारी काफी मजबूत है। पार्टी के कई बड़े नेताओं का उनपर वरदहस्त भी है। खैर इन सारे हालात को देख कर डा. सरफराज काफी आशान्वित हैं और एक तरह से पूरी चुनावी तैयारी भी कर चुके हैं। अब देखना है कि टिकट का ताज किसके सर सजता है।

 

 

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