प्रदेश के जलशक्ति मंत्री ने अधिकारियों तथा ठेकेदारों को लापरवाही न करने की हिदायत दी

June 4, 2021 5:24 PM0 commentsViews: 222
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अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह ने सिद्धार्थनगर जिले का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जिले में चल रहे बाढ़ सुरक्षा कार्याे का बारीकी से निरीक्षण किया और अधिकारियों तथा ठेकेदारों को किसी भी प्रकार की लापरवाही न करने की हिदायत दी। निरीक्षण के दौरान उनके साथ  बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी, सांसद डुमरियागंज जगदंबिका पाल, भाजपा जिलाध्यक्ष गोविन्द माधव मौजूद रहे। 

जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह द्वारा तहसील इटवा के मदरहना-अशोगवा बांध के साथ विभिन्न बन्धो का निरीक्षण किया। मंत्री ने मानसून से पूर्व जनता को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान किये जाने के दृष्टिगत बाढ़ परियोजनाओं के कार्य मानसून पूर्व अतिशीघ्रता से सम्पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये। साथ ही बाढ़ सम्बन्धी समस्त तैयारियां मानसून से पूर्व सुनिश्चित किये जाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नालों की सफाई भी बरसात से पूर्व खत्म किये जाने के निर्देश दिए।

जलशक्ति मंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के दौरान जलप्लावन की समस्या के निराकरण करने के उद्देश्य से समस्त ड्रेनों/नालों की सफाई कराये जाने का अभियान भी प्रारम्भ किया गया है। ड्रेनों/नालों के इस सफाई कार्यक्रम में उन पर निर्मित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों के जीर्णोद्धार भी कराया जायेगा। नालों पर सफाई के कार्यो से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि जलप्लावन से मुक्त हो सकेगी जिससे कृषकों की फसलों की क्षति को रोका जा सकेगा।

जलशक्ति मंत्री ने कार्याे की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये तथा आगाह किया गया बाढ़ कार्यो में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा कदापि कोई शिथिलता न बरती जाये। यदि इन कार्याे में किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कोई लापरवाही की जाती है तो उनकेे विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जायेगी। ठेकेदारों को भी सचेत किया कि महामारी की आड़ में यदि किसी ठेकेदार के कार्य में गुणवत्ता प्रभावित होती है तो उनका भुगतान बिल्कुल नहीं किया जायेगा।

कार्य स्थल पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए डा. महेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत कार्य स्थल पर प्रोटोकाल के निर्देशों का कड़ाई से सतत् अनुपालन सुनिश्चित किया जाये तथा श्रमिकों को मास्क, सेनेटाईजर आदि उपलब्ध कराते हुए उन्हे बार-बार इसके प्रयोग के निर्देश भी दिये जाये।

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