PWD में 500 तबादलों पर प्रमुख सचिव ने लगाई रोक, जांच के लिए समिति गठित
लोक निर्माण विभाग में सभी स्थानांतरण आदेशों को तत्काल प्रभाव से रोका गया, विभाग में मचा हड़कंप…
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में करीब 500 अभियंताओं के तबादले रोक दिए गए हैं। इनमें 135 सहायक अभियंता, 300 अवर अभियंता, 70 से अधिक अधीक्षण अभियंता शामिल हैं। गड़बड़ियों की आशंका को देखते हुए प्रमुख सचिव ने ट्रांसफर रोकने के आदेश दिए हैं। बता दें, इससे पहले स्टाम्प-पंजीयन और स्वास्थ्य विभाग में भी ट्रांसफर आदेश रोके गए हैं।
जितिन प्रसाद के सांसद बनने के बाद से लोक निर्माण विभाग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास है। पीडब्ल्यूडी में तबादलों पर अचानक रोक लगाने से विभागीय हलकों में हड़कंप मचा हुआ है। तबादलों में गड़बड़ियों की आशंका के चलते प्रमुख सचिव ने यह कदम उठाया है।शिकायत मिलने के बाद तबादला लिस्ट रोक दी गई है।
ट्रांसफर पर उठे सवाल: प्रदेश में तबादलों को लेकर पहले से ही चल रहे विवादों ने इस मामले को और गरमा दिया है। हाल के महीनों में प्रदेश के विभिन्न विभागों में तबादलों की प्रक्रिया पर सवाल उठते रहे हैं। कई बार आरोप लगे हैं कि तबादले नियमों को ताक पर रखकर या प्रभावशाली लोगों के दबाव में किए जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग में भी इसी तरह की शिकायतें सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि तबादलों की सूची तैयार होने के बाद कुछ शिकायतें मिली थीं, जिनमें अनियमितताओं और पक्षपात के आरोप लगाए गए थे। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव ने तत्काल प्रभाव से सभी तबादलों पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। साथ ही, तबादला प्रक्रिया की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने की बात भी सामने आ रही है।
ट्रांसफर लिस्ट को नहीं मिली मंजूरी: लगभग 300 अवर अभियंताओं की एलिजिबिलिटी लिस्ट तैयार हो चुकी है, 135 सहायक अभियंताओं का तबादला आदेश भी हो चुका है। इसके अलावा 70 से 75 अधिशासी अभियंताओं का तबादला फाइल भी तैयार हो चुका है, मगर प्रमुख सचिव अजय सिंह चौहान ने किसी लिस्ट को मंजूरी नहीं दी है।
प्रमुख अभियंता एके द्विवेदी की ओर से 135 सहायक अभियंताओं का तबादला आदेश जारी किया गया है, बावजूद किसी को भी जॉइनिंग नहीं दी गई है। लोक निर्माण विभाग में तबादलों का यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विभाग प्रदेश की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार की शाम विभाग की समीक्षा की थी। अधिकारियों से सड़क निर्माण के प्रस्ताव 30 जून तक मांगे गए हैं।
विभागीय जानकारों की मानें तो तबादलों की सूची में कई ऐसे नाम शामिल थे, जिन्हें लेकर पहले से ही विवाद की स्थिति थी। कुछ अभियंताओं ने तबादला नीति का पालन न होने की शिकायत की थी, जबकि कुछ मामलों में क्षेत्रीय और राजनीतिक दबाव की बात भी सामने आई थी। इस कारण तबादला सूची को अंतिम रूप देने से पहले सभी पहलुओं की गहन जांच जरूरी हो गई थी।