पुलिस ही नहीं वरन सरकार को भी चुनौती है वैभव का कत्ल, हत्यारे अभी तक नहीं हुए गिरफ्तार

December 18, 2017 12:26 PM0 commentsViews: 470
Share news

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर।  भाजपा नेता और पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी के बेटे वैभव तिवारी की हत्या के ४० घंटे बाद भी हत्यारे पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। इस बीच पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट से पता चला है कि गोली बैभव के सीने पर बाई ओर से चलाई गई थी, जो सीधे दिल को चीरती हुई शरीर के पार हो गई। इस घटना को लोग पुलिस ही नहीं, वरन सरकार के लिए भी चुनौती मान रहे हैं।

लखनऊ के हुदय स्थल हजरतगंज जैसे बीआईपी क्षेत्र में हुई वैभव की हत्या केवल पुलिस और कानून व्यावस्था के लिए ही नहीं वरन यूपी सरकार के लिए चुनौती है। यह और बात है कि हत्या के ४० घंटे बाद भी हत्यारे पुलिस की पकड के बाहर हैं। इस बारे में लखनऊ पुलिस का वहीं पिटा पिटाया जवाब है कि हत्यारे जल्द पकड़े जायेंगे। लेकिन विधानसभा भवन, राज्यपाल भवन और मुख्यमंखी आवास के क्षेत्र में सरे चौराहा यह घटना अंजाम देने की हिम्मत  अपराधियों की कैसे हुई, इस सवाल का जवाब कोई जिम्मेदार नहीं दे रहा है।

गिरफ्तारी में विफल है पुलिस

इस बारे में लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि  हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए दस टीमों का गठन कर दिया गया है।उनके मोबाइल सर्विलांस पर हैं। कुछ लोकेशन भी मिले हैं। यह पुलिस के लिए चुनौती है।  उम्मीद है कि दोनों हत्यारे जल्द पकड़ लिए जायेंगे। लेकिन कई राजनीतिकों का कहना है कि हजरतगंज जैसी जगह पर हुई यह हत्या पुलिस के लिए नहीं वरन सरकार के लिए चुनौती है। कहा जा रहा है कि सराकार इसे चुनौती के रूप में ले और राजधानी के अपराधियों को सबक सिखा कर लखनऊ से भय और आतंक का माहौल समाप्त करे।

दिल के पार निकल गई थी गोली

दूसरी तरफ कल वैभव तिवारी की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट जारी हुई। डाक्टर के मुताबिक हत्यारे ने गोली बहुत करीब से चलाई थह। उसने बाई तरफ से दिल को निशाना बनाते हुए फायर किया। फायर में शक्ति इतनी अधिक थी कि गोली वैभव के दिल को छेदते हुए शरीर के पार हो गई। यह कारण है कि गोली उनके शरीर से बरामद नहीं हुई।

क्या हुआ था

बताते चलें कि वैभव तिवारी और आरोपी सूरज शुक्ला दोनों एक साथ प्राप्रर्टी डीलिंग का काम करते थे। रुपयों के लेन देन को लेकर दोनों में मनमुटाव हुआ और वे अलग हो गये थे। बताते हैं कि सात लाख रुपये को लेकर दोनों में बिबाद चल रहा था। परसों  यानी शनिवार रात को सूरज अपने साथ विक्रम सिंह के साथ वैभव के लखनऊ सिथत आवास पर गया। दोनों में पैसों को लेकर कहा सुनी हुई और विक्रम ने वैभव की गोली मार कर हत्या कर दी।

 

 

 

 

 

Leave a Reply