शोहरतगढ़ सीटः नये हालात में समीकरण उग्रसेन के पक्ष में, कुर्मी वोट पर दांव आत्मघाती होगा?

January 29, 2022 2:54 PM0 commentsViews: 3775
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शोहरतगढ़ क्षेत्र से तीसरा कुर्मी उम्मीदवार देकर खतरा नहीं उठा सकती समाजवादी पार्टी, अति पिछड़े सपा के पक्ष में

नजीर मलिक


सिद्धार्थनगर। कांग्रेस द्वारा शोहरतगढ़ से कुर्मी प्रत्याशी उतार देने तथा भाजपा गठबंधन से कुर्मी उम्मीदवार आने की संभावना के मद्देनजर समाजवादी पार्टी द्वारा इस सीट से कुर्मी प्रत्याशी को उतार देना राजनैतिक अदूर दर्शिता मानी जाएगी। राजनैतिक प्रेक्षक मानते हैं कि यदि शोहरतगढ़ से सपा ने कुर्मी वोटों के लालच में उस वर्ग से प्रत्याशी दिया तो सपा के लिए ‘ आधा छोड़ के पूरी धावे, आधा मिले न पूरा पावे’ वाली कहावत चरितार्थ हो सकती है।

बता दें कि शोहरतगढ़ सीट पर टिकट का मामला सपा के पूर्व प्रत्याशी रहे उग्रसेन सिंह व उसी क्षेत्र से अपना दल के विधायक रहे अमर सिंह के बीच फसा हुआ है। अमर सिंह कुर्मी हैं। इस क्षेत्र में कुर्मियों की तादाद 12 प्रतिशत है। शायद इसी के लालच में अमर सिंह चौधरी को सपा में शामिल भी किया गया था। मगर कांग्रेस द्वारा पूर्व विधायक रवीन्द्र प्रताप चौधरी उर्फ पप्पू चौधरी को टिकट देने से सारा समीकरण उलट पुलट हो गया है। पप्पू चौधरी यहां के प्रभावशाली कुर्मी नेता माने जाते हैं।

राजनैतिक प्रेक्षक बताते हैं कि भाजपा के सहयोगी अपना दल एस इस सीट से कुर्मी उम्मीदवार हेमंत चौधरी को उतारने का मन बना रही है। यदि यह सीट अपना दल को न भी गई तो यहां से ब्लाक प्रमुख सिद्धार्थ चौधरी भाजपा के उम्मीदवार होंगे। ऐसे में यदि सपा ने भी कुर्मी उम्मीदवार दिया तो जरा सोंचिये कि 12 प्रतिशत कुर्मी वोटों में तीन उम्मीदवारों में सपा को क्या हासिल हाने वाला है। यहां यह भी गौर तलब है कि सपा में टिकट के लिए शामिल अमर सिंह की छवि क्षेत्र में खांटी सपा विरोधी की रही है। जिले भर के सपा कार्यकता भी उनसे नाराज हैं अतः इन्हें टिकट देकर सपा कुछ अतिरिकत लाभ न पा सकेगी, इससे अपने कार्यकर्ताओं के नाराज होने का खतरा जरूर है।

सपा सुप्रीमों को जानना चाहिए कि वर्तमान में अति पिछड़ों के बीच सपा का प्रभाव बढ़ा है। इस बार गत वर्ष की तरह बसपा से कोई मुस्लिम प्रत्याशी भी नहीं है। ऐसे में जाहिर है कि मुसलमानों का 26 प्रतिशत मत सपा को एक मुश्त पड़ेगा। इसके अलावा 9 प्रतिशत यादव तथा 30 प्रतिशत अति पिछड़ों में से एक तिहाई से अधिक वोट सपा के पक्ष में जा रहा है। ऐसे में सपा अकेले इस क्षेत्र में 50 प्रतिशत पर अकेले काबिज होने की ओर अग्रसर है। ऐसे में 4 प्रतिशत कुर्मी वोटों के लिए अखिलेश यादव का पूर्व विधायक अमर सिंह चौधरी जिन पर इनकम्बेंसी के अलावा भाजपाई राजनीत का आरोप हो उसे टिकत देने का जोखिम नहीं उठाया जा सकता। अखिलेश यादव को इस जमीनी सच्चाई को समझना होगा।

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